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भारत की आवाज

हमारा ब्लॉग आयुर्वेद से संबंधित है और हम हर प्रकार की बीमारियों के लिए आयुर्वेदिक सलाह देते हैं| यदि आपको बीमारियों से संबंधित आयुर्वेदिक उपचार की आवश्यकता है तो आप हमारा ब्लॉक फॉलो कर सकते हैं|

योग करने का सही समय कब होता है?

1. सुबह का समय सबसे उपयुक्त होता है 2. खाना खाने के कुछ घंटे बाद ही योग अभ्यास करें 3. योग शुरू करने के पहले खुद को तनावमुक्त और मन को शांत कर लें 4. चुने हुए समय पर ही नियम से योग करें 5. शरीर में आए बदलाव को अनुभव करने के लिए नियमित रूप से योग करें 6. योग का अभ्यास ज़्यादा न करें

सरसों तेल में हल्दी मिलाएं और देखें चमत्कार

हल्दी के गुणों से तो आप सब अच्छी तरह परिचित होंगे। आयुर्वेद में हल्दी के विभीन्न गुणों के बारे में बताया गया है। हल्दी का हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बिमारी में अलग अलग प्रकार से प्रयोग किया जाता है। आज हम आप को हल्दी में सरसों का तेल मिलाने पर होने वाले चमत्कारी फायदों के बारे में बताने जा रहे है।

1. अस्थमा से लड़ने में- यदि सांस से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या है तो आप हल्दी में सरसों का तेल मिलाकर इसका सेवन करें। इससे अस्थमा और कफ की समस्या भी दूर होती है।
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2. बढ़ती उम्र में लाभदायक- हल्दी और सरसों तेल के मिश्रण में भरपूर मत्रा में एंटीऑक्सीडेंट होता है। इसके नियमित सेवन से बढती उम्र मानों रुक सी जाती है और आप जवान दिखने लगते है।

3. बदन दर्द से राहत- दर्द निवारक के रूप में हल्दी शुरु से ही प्रसिद्ध है। सरसों तेल में हल्दी मिलाकर इसका सेवन करने से बदन दर्द से राहत पाया जा सकता है। आप चाहे तो इसका नियमित सेवन भी कर सकते है।

4. स्किन प्रॉबलम- हल्दी रक्त साफ करने में बहुत ही कारगर है। रक्त की अशुद्धि के कारण चेहरे पर दाग धब्बे और फोड़े फुंसी होने लगती है। हल्दी और सरसों तेल के मिश्रण का प्रयोग से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

Jabong POP CPV IN    RelianceTrends CPV (IN) 5. शरीर में सूजन- यदि आप के शरीर में सूजन रहती है या किसी कारणवश सूजन हो गई हो तो आप हल्दी और सरसों तेल के मिश्रण का प्रयोग करें। इससे सूजन बहुत तेजी से कम होता है।

6. शुगर की समस्या- जब शरीर में ग्लूकोस का बैलेंस बिगड़ने लगता है तो उससे शुगर की समस्या होने लगती है। हल्दी और सरसों तेल का मिश्रण शरीर में ग्लूकोस का बैलेंस बिगड़ने से रोकता है।

7. लीवर की समस्या- लीवर की समस्या आजकल बहुत आम होती जा रही है। लीवर की समस्या शरीर में विषैले पदार्थों की वजह से होती है। हल्दी और तेल का मिश्रण शरीर से सभी विषैले पदार्थों को बाहर निकाल देते हैं जिससे लीवर की समस्या का खतरा बहुत कम हो जाता है।
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8. किडनी की समस्या-  यदि आप किडनी की समस्या से जूझ रहे हैं तो एक बार हल्दी और सरसों तेल के मिश्रण का प्रयोग जरूर करें यदि आप दिल्ली के समाचार यूज़ रहे हैं तो एक बार हल्दी और सरसों तेल के मिश्रण का प्रयोग जरूर करें। यह मिश्रण आपकी किडनी की समस्या को दूर कर देंगे।

9. यादाश्त-  हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है जो दिमाग के लिए बहुत ही लाभदायक होता है| याददाश्त की समस्या में आप हल्दी और सरसों तेल के मिश्रण का प्रयोग करें। यह दिमाग के फंक्शन को बेहतर बनाता है जिससे आपकी याददाश्त मजबूत होती है|

10. कब्ज -आज की खानपान की वजह से कब्ज की समस्या होना बहुत ही आम बात है| सरसों तेल और हल्दी का मिश्रण डाइजेशन सिस्टम को मजबूत बनाता है जिससे खाना आसानी से पच जाता है और आपको कब्ज की समस्या से छुटकारा मिल जाता है।

11. हार्ट की समस्या- हल्दी और सरसों तेल के मिश्रण से शरीर का रक्त पूरी तरह से शुद्ध हो जाता है जिसकी वजह से रक्त संचार पूरे शरीर में सुचारु रुप से होने लगता है। यदि आपके शरीर में रक्त संचार की गति एकदम सही है तो आपको किसी भी प्रकार की हाइट की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा।

Jabong POP CPV IN    RelianceTrends CPV (IN) दोस्तों हल्दी और सरसों तेल का मिश्रण वाकई एक चमत्कारी औषधि बन सकता है अगर इसका नियमित प्रयोग किया जाए। मैं आप सभी से एक बात जरूर कहूंगा जब एक ही चीज इतनी बड़ी-बड़ी बीमारियों से लड़ने में सक्षम है तो इसे अपनाने में बिल्कुल भी देरी नहीं करनी चाहिए। इस मैसेज को अपने दोस्तों तथा सगे-संबंधियों के साथ भी साझा करें ताकि ज्यादा लोगों तक इसका फायदा हो सके|

खाना खाने के बाद जल का सेवन क्यों खतरनाक है?


नमस्कार दोस्तो, हमने इससे पहले वाले पोस्ट में बताया था की किन कार्यो के बाद जल का सेवन खतरनाक है। आज मै आप को बताने जा रहा हूं की खाना खाने के बाद जल क्यों नही पीना चाहिए।
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जब हम भोजन करते है तो वो भोजन सबसे पहले हमारे गठर मे जाता है, जहां भोजन का पाचन कार्य प्रारम्भ होता है। गठर का स्थान हमारे शरीर में नाभी से थोड़ा ऊपर और छाती से नीचे होता है। इसी स्थान पर हमारे शरीर की अग्नि का वास होता है, जिसकी वजह से हमारे शरीर में पाचन क्रिया शुरू होती है। हमारी भाषा संस्कृत में गठर को गठराग्नि कहा गया है।

भोजन करने के बाद जब वह गठर में जाती है तब गठर का कार्य प्रारम्भ हो जाता है और गठर क विध्दमान अग्नि के कारण उस भोजन का पाचन शुरू हो जाता है।
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ऐसे में यदि आप भोजन के बाद जल का सेवन करते है तो जल की वजह से गठर की अग्नि शांत हो जाती है, और पाचन क्रिया रुक जाती है। जिसकी वजह से भोजन का पाचन होने के बजाय उसका सड़न होने लगता है। जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही खतरनाक है।

जब भोजन पचने के बजाय हमारे पेट में सड़ने लगता है तो उससे हमारे शरीर मैं कई प्रकार की बिमारिया जन्म ले लेती है। उन बिमारियों में सबसे पहली बिमारी है गैस की समस्या।
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भोजन सड़ने की वजह से हमारे शरीर में गैस बनने लगती है। जिसकी वजह से हमें कभी पेट दर्द, बदन दर्द, सीने में दर्द आदि भीन्न प्रकार का दर्द प्रारम्भ हो जाता है। ऐसी कई प्रकार की बिमारिया है उसमे सोरायसिस और कैंनसर जैसी बिमारिया भी शामिल है।

पानी पीने का सबसे अच्छा समय होता है सुबह का समय। जब हम सो कर उठते है। जब हम सो कर उठते है तो हमारे मुंह में लार भरी होती है, जो हमारे स्वस्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती है।

Jabong POP CPV IN सुबह पानी पीने से हमारे मुंह और गले में जमा लार पूरी तरह से हमारे पेट में चली जाती है। किसको कितना पानी पीना चाहिए ये जानना भी बहुत जरूरी है। बच्चों को एक गिलास, बुजुर्गों को दो गिलास और नवजवानों को तीन गिलास पानी सुबह उठकर जरूर पीना चहिए।

यदि इस पोस्ट से संबंधित कोई सवाल आप हमसे पूछना चाहते है तो हमें कमेंट बॉक्स में लिखे। किसी अन्य जानकारी के लिए भी आप हमें कमेंट कर सकते है।

इन कार्यो बाद कभी न करे जल का सेवन

जल ही जीवन है। जल के बिना जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है| हमारे शरीर का 75% भाग जल से बना है इसीलिए हमें भोजन से ज्यादा जल की आवश्यकता होती है। एक स्वस्थ मानव को प्रतिदिन 5 से 6 लीटर जल का पान करना चाहिए। कुछ परिस्थितियों में जल का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो जाता है। आज हम आपको उन परिस्थितियों के बारे में बताते हैं जो करने के बाद तुरंत जल का सेवन कभी नहीं करना चाहिए।
 मैं नीचे उन परिस्थितियों के बारे में बताने जा रहा हूं चीन के तुरंत बाद जल का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है कई बार यह परिस्थितियां बहुत भयंकर परिणाम लाती है।

1. व्रत खोलते ही सबसे पहले जल का सेवन कभी ना करें।
2. मेहनत करने के तुरन्त बाद जल का सेवन ना करें
3. पसीना आते ही।
4. चलकर थक जाने के तुरन्त बाद।
5. भोजन करने के तुरन्त बाद।
6. चना खाने के बाद।
7. चाट खाने के बाद।
8. चाय पीने के बाद।
9. दूध पीने के बाद।
10. लघुशंका (मुत्र) के बाद।
11. शौच से आने के बाद।
12. सोते समय।

इन सभी परिस्थितियों में कभी जल का सेवन नही करना चाहिए, क्योंकि इन परिस्थितियों में शरीर के तापमान में और जल के तापमान में अन्तर होता है। ऐसी स्थिति में जल का सेवन करने से शरीक का तापमान असंतुलित हो जाता है और स्वास्थ्य खराब हो जाता है।

जल पीने के फायदे.........

सुबह उठ कर खाली पेट जल का सेवन करने से पेट की समस्या समाप्त होती है। इसके साथ ही यह शरीर के बढ़े हुए वजन को संतुलित करने में भी सहायता करता है।

ऐसा करने से शरीर में रक्त की बढोत्तरी होती है और त्वचा पर चमक भी बढ़ जाती है। सुबह खाली पेट जलपान करने से शरीर की भीतर जमा हुई गंदगी भी बाहर निकल जाती है।

सुबह खाली पेट पानी पीने से भूख ना लगने की समस्या भी दूर हो जाती है। इससे निरन्तर रहने वाला सिरदर्द पूरी तरह समाप्त हो जाता है।

नियम के साथ जल का सेवन करने से शरीर हमेशा स्वस्थ्य रहता है और आपको कभी वैद्धय की आवश्यकता नही पड़ती है। हर रोज कम से कम 5-6 लीटर जलपान करना चाहिए।

मोटापा कम करने का आसान और आयुर्वेदिक तरीका


मोटापा एक बहुत ही विकट समस्या है जो आज के समय में बड़ी तेजी से फैल रही है| मोटापा बढ़ने का सबसे बड़ा कारण हमारा खान-पान हमारा रहन सहन और हमारी जीवन शैली है| आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में व्यायाम और युवा के लिए किसी के पास समय ही नहीं है जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है और हमारा शरीर अनियंत्रित होने लगता है जिसके परिणाम स्वरुप हमारे शरीर की चर्बी लगातार बढ़ती जाती है और हम मोटे होने लगते हैं| आज हम आपको कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक तरीकों के बारे में बताएंगे जिनसे आप अपने मोटापे पर नियंत्रण पा सकते हैं|

 यह आयुर्वेदिक और घरेलू तरीके इस प्रकार हैं आप सभी लोगों से अनुरोध है कि कृपया पूरा मैसेज पढ़े उसके बाद ही इन तरीकों को अपनाएं.....

1. आप सभी ने चित्रक की जड़ का नाम जरूर सुना होगा यदि नहीं सुना है तो किसी भी आयुर्वेदिक या पंसारी की दुकान पर यह आसानी से आपको मिल जाएगी| आपको करना यह है 1 ग्राम चित्रक की जड़ का चूर्ण शहद में मिलाकर सुबह शाम इसका सेवन करना है यह दोनों औषधियां मोटापा कम करने में बहुत ही कारगर सिद्ध हुई है|

2. मूली का सेवन आप लोग लगभग रोज ही करते होंगे लेकिन आज मैं जो तरीका बता रहा हूं इस तरीके से मूली का सेवन करने से आपका मोटापा कम होगा| मूली के रस में थोड़ा नींबू और स्वाद अनुसार नमक मिलाकर इसका सेवन करने से मोटापे पर नियंत्रण लगाया जा सकता है यह प्रक्रिया कम से कम 1 माह तक करनी है|

3. मोटापा कम करने के लिए कुछ दिनों तक गेहूं के आटे की रोटी का सेवन बिल्कुल बंद कर दें और गेहूं के आटे की रोटी के बजाय आप हमारे द्वारा बताए गए रोटी का सेवन करें| 5 किलो काला चना ले और उसमें 1 किलो जो मिलाएं| इनको अच्छी तरह से साफ करने के बाद इस वाले और इसके आटे की रोटी का सेवन करें आप देखेंगे कि कुछ ही दिनों में आपका मोटापा कम होने लगेगा क्योंकि चने और जौ की बनी रोटी में कैलोरी और फैट ना के बराबर होती है|

4. यदि संभव हो तो अश्वगंधा के पत्ते को हाथ से मसल कर उसकी गोली बना लें इस गोली को सुबह खाली पेट खाना खाने से लगभग 1 घंटा पहले पानी के साथ निकल ले| इसके साथ ठंडी वस्तुओं का सेवन करें क्योंकि अश्वगंधा गर्म होता है| कुछ ही दिनों में अश्वगंधा आपके शरीर की अनचाही मांस पेशियों को हिलाकर बाहर निकाल देता है|

 मोटापा कम करने के हमारे द्वारा बताए गए तरीकों को अपने मित्रों के साथ साझा करें ताकि यह जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके किसी अन्य प्रकार की सहायता के लिए आप हमें कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं|

विष के समान है चीनी का सेवन.....


हमारे देश में चीनी का निर्माण अंग्रेजी शासन काल से प्रारम्भ हुआ। अंग्रेजों ने सबसे पहला चीनी का मिल 1868 में स्थापित किया। इसके बाद हमारे देश में चीनी निर्माण का विस्तार हेता चला गया। इससे पहले हमारे देश में गड़ का प्रयोग होता था जिससे बिनारिया ना के बराबर हेती थी। चीनी एक मीठा जहर है जो हमारे शरीर को अन्दर से पुरी तरह खोखला कर देता है।

आइए जानते है कि चीनी से हमारे शरीर में कौन कौन सी बिमारिया उत्पन्न हो सकती है...........

1.  चीनी बनने से पहले उसका रंग बहुत गंदा होता है और उसको साफ करने के लिए उसमें बोनचार डाला जाता है। बोनचार पशुओं की हड्डियों बना होता है और ये शरीर के लिए बहुत खतरनाक होता है।
2.  कुछ वैज्ञानिको ने चीनी को नशीले पदार्थो में शामिल किया है। उनका मानना है कि चीनी से अफीम और गांजे की तरह नशा हो सकता है।
3. नित्य चीनी का सेवन करने वाले को पैरालिसिस का खतरा सबसे अधिक होता है।
4. आप लोगों ने ट्राइ ग्लिसराइड का नाम शायद सुना होगा। हमारे शरीर में इसके बढने का कारण भी चीनी ही है।
5. चीनी बनात समय बहुत सारे रसायनों का प्रयोग किया जाता है इसिलिए इसकि वजह से हमारे पेट में जलन होने लगती है।
6.  चीनी हमारे शरिर में डायबिटीज़ जैसी खतरनाक बिमारी जनक है।
7.  चीनी बनाने की प्रक्रिया में बहुत सारे खतरनाक रसायनो का प्रयोग किया जाता है।
8. सूक्रोज़ ये वो पदार्थ है जिससे चीनी मीठा लगता है जिसको पचा पाना लगभग नामुम्किन है।
9. चीनी हमारे रक्त को गाढ़ा कर दता हा जिसकी वजह से हमें रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
10.   ज्यादा मात्रा में चीनी सेवन करने वाले का वजन बढ़ता जाता है।
11.   हमारे शरीर में कॉलेस्ट्रॉल के बढ़ने का सबसे बडा कारण चीनी ही है जिसकी वजह से हार्ट अटैक कि समस्या बढ़ जाती है।
12.   चीनी बनाने के लिए बडी मात्रा में गंधक का प्रयोग किया जाता है। गंधक एक ऐसा पदार्थ जो एक बार हमारे शरीर में चला गया तो फिर बाहर नही आता है।

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पेट के रोगों का आयुर्वेदिक उपचार


 इस बार गर्मी के मौसम में समय से पहले ही दस्तक दे दी है जिसका सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ने वाला है|
 गर्मियां आते ही पेट से जुड़ी अनेक प्रकार की बीमारियां हमें घेर लेती है जैसे पेट दर्द एसिडिटी कब्ज गैस और बदहजमी| यह कुछ ऐसी बीमारियां हैं जो हमें बेहद परेशान करती हैं लेकिन हम चाह कर भी इन से पूरी तरह निजात नहीं पा पाते|

 आज हम आपको पेट की बीमारियों से छुटकारा पाने वाले कुछ आयुर्वेदिक उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं वह उपाय इस प्रकार है.....

1. पेट दर्द-  आप सभी के घरों में चावल रोज बनता होगा लेकिन चावल में एक ऐसा पदार्थ भी होता है जिससे पेट दर्द में काफी फायदा मिलता है और वह पदार्थ है चावल का पानी| चावल बनने के बाद आप उसका पानी फेंक देते होंगे लेकिन अब ऐसा मत करें इसके पानी को ठंडा कर पीने से पेट दर्द में काफी फायदा मिलता है

2.  पुदीना-  पुदीना हमेशा से ही पेट की बीमारियों में काम आता रहा है और आप सभी ने इसका इस्तेमाल भी किया होगा| पेट दर्द होने पर पुदीने के पत्ते चबाकर खाने से पेट दर्द में काफी फायदा मिलता है| आप पुदीने के पत्तों को उबाल कर उसका पानी भी पी सकते हैं यह भी बहुत फायदेमंद है|

3.  बदहजमी- बदहजमी में सेब बहुत कारगर फल है| सेब में फाइबर होता है जो पाचन शक्ति को मजबूत बनाता है| इसके अलावा आप संतरे का भी प्रयोग कर सकते हैं संतरे में मौजूद नेचुरल एसिड बदहजमी की समस्या को खत्म कर देता है|

4.  कब्ज-  कब्ज होने पर आप नींबू के रस का प्रयोग कर सकते हैं इससे कब्ज में काफी फायदा मिलेगा इसके अलावा सुबह खाली पेट ऑलिव ऑयल लेने से भी कब्ज ठीक होता है|

5.  एसिडिटी- जब पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है तो एसिडिटी की समस्या होती है एसिडिटी से निजात पाने के लिए आप लौंग का सेवन कर सकते हैं| केले में पोटेशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो एसिडिटी की बीमारी को ठीक करने के लिए बहुत लाभदायक है यदि आप रोज एक केला खाते हैं तो आपको एसिडिटी की समस्या नहीं होगी|

6.  गैस- पेट की बीमारियों में गैस की बीमारी सबसे खतरनाक है| लेकिन आयुर्वेद में इसका भी उपचार है| दालचीनी को पानी में उबालकर उसका पानी चाय की तरह पीने से गैस की समस्या दूर होती है|  इसके अलावा सौंफ सौंफ और इलायची को समान मात्रा में लें और इसे पीसकर पाउडर बना लें इसके पश्चात इसको पानी डालकर उबालें जब यह सूख की तरह दिखने लगे तो इसमें थोड़ा सा हींग मिलाकर आप इसका सेवन करें|

 पेट की किसी भी प्रकार की समस्या के लिए फाइबर युक्त खाना सबसे उपयुक्त होता है इसलिए फाइबर युक्त खाने का सेवन करें और इसके साथ ही अधिक मात्रा में जल का सेवन करें इससे पेट की समस्याओं में लाभ मिलता है

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