टीबी एक खतरनाक बिमारी है। ये एक संक्रामक बिमारी है जिसको महामारी के रूप में भी जाना जाता है। दुनिया भर में बिमारी की वजह से मरने वालों में 10 प्रतिशत टीबी के मरीज होते है। टीबी का संक्रमण एक स्थान से दूसरे स्थान पर फैलकर उसे संक्रमित करता है जिसकी वजह से महिलाओं और पुरुषों में बांझपन का खतरा बढता जा रहा है। हर वर्ष लगभग 20 लाख लोग इस बिमारी से प्रभावित होते है। यह बिमारी मुख्य रूप से फेफडो से शुरू होती है और धीरे धीरे शरीर के अन्य भागों को भी संक्रमित कर देती है।
टीबी एक बहुत ही भयंकर बिमारी है जो फेफडे से शुरु होकर किडनी, पेल्विक, फैलोपियन ट्यूब, गर्भाश्य और मस्तिष्क को भी संक्रमित कर देता है। जब यह संक्रमण पेल्विक तक पहुंच जाता है तो महिलाओं और पुरुषों में बांझपन का खतरा बढ़ जाता है। जब यह बिमारी महिलाओं को होती है तो उनके गर्भाशय की ट्यूब बहुत पतली हो जाती है जिसकी वजह से महिलाओं को गर्भ धारण करने में बहुत परेशानी होती है। पुरुषों में भी इसकी वजह से बांझपन का खतरा बढ़ जाता है।
शुरूआती दिनों में इसकी पहचान करना बहुत मुश्किल था। अब इस बिमारी की पहचान करना आसान हो गया है। इसकी शुरूआत फेफडे में होती है जिसकी वजह से इंसान को खासी की बिमारी हो जाती है। यदि किसी की खांसी 3 सप्ताह से ज्यादा रहती है तो तुरन्त अपने बलगम की जांच डॉक्टर से करवानी चाहिए। खासी कैसी भी हो वो 15 दिनों से ज्यादा नही रूकती है लेकिन जब टीबी का संक्रमण होगा तो वो ठीक नही होगा।
पहले इस बिमारी का इलाज संभव नहीं था लेकिन अब इस बीमारी का इलाज संभव है। कल सरकारी अस्पतालों में इसके लिए फ्री दवाई भी दी जाती है। आपको या आपके परिवार को भी इस तरीके की कोई समस्या है तो तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल में इसकी जांच करवाएं। यदि आप किसी अन्य समस्या से परेशान हैं तो मैं कमेंट बॉक्स में कमेंट करें आपकी पूरी सहायता की जाएगी।
दोस्तों अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ Facebook WhatsApp और Twitter पर शेयर करना ना भूलें। इसी तरह की और रोचक जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो करें। यदि आप हमारे देश के शहीदों को डोनेशन देना चाहते है तो किसी भी विज्ञापन पर क्लिक करें। विज्ञापन की कमाई का 30% शहीदों को दान दिया जाएगा।