Android App

भारत की आवाज

हमारा ब्लॉग आयुर्वेद से संबंधित है और हम हर प्रकार की बीमारियों के लिए आयुर्वेदिक सलाह देते हैं| यदि आपको बीमारियों से संबंधित आयुर्वेदिक उपचार की आवश्यकता है तो आप हमारा ब्लॉक फॉलो कर सकते हैं|

योग करने का सही समय कब होता है?

1. सुबह का समय सबसे उपयुक्त होता है 2. खाना खाने के कुछ घंटे बाद ही योग अभ्यास करें 3. योग शुरू करने के पहले खुद को तनावमुक्त और मन को शांत कर लें 4. चुने हुए समय पर ही नियम से योग करें 5. शरीर में आए बदलाव को अनुभव करने के लिए नियमित रूप से योग करें 6. योग का अभ्यास ज़्यादा न करें

हर बिमारी में काम आने वाली औषधी

आज मैं आप सभी को ऐसी चमत्कारी औषधी के बारे में बताने जा रहा हूं जो किसी भी प्रकार की बिमारी को ठीक कर सकता है। इस औषधी के लिए आप को बाजार में इधर उधर भटकने की जरूरत नही है। आप इसे अपने घर में खुद ही बना सकते है। इस औषधी को तैयार करने के लिए आप सभी को इन वस्तुओं की आवश्यकता होगी.....

गौमुञधनसत्व 20 ग्राम
गंधर्व हरितकी 350 ग्राम
अजवाइन 20 ग्राम
मुलेठी 50 ग्राम
सौठ 20 ग्राम

उपर बताई गई सभी वस्तुएं आप को किसी आयुर्वेदिक दुकान से मिल जाएगी। आप चाहे तो पतांजली स्टोर से भी ले सकते है। गौमुञधनसत्व (गौमुञ भस्म) आप को किसी भी गौशाला से आसानी से प्राप्त हो जाएगा। सभी को एक साथ अच्छे से मिक्स करके चूर्ण बना ले।

हर रोज रात को सोने से पहले एक चम्मच औषधी एक गिलास गुनगुने पानी के साथ ले। ध्यान रहे औषधी लेने के लिए पानी का ही प्रयोग करें, किसी अन्य पदार्थ का नही। औषधी लेने के बाद किसी खाने पीने की वस्तु का सेवन ना करे।
Jabong POP CPV IN RelianceTrends CPV (IN)

ये औषधी किसी भी उम्र के व्यक्ति ले सकते है। इस औषधी का पूरा असर आप को लगभग तीन माह में दिखने लगेगा।

यह औषधी किन - किन बिमारियो ली जा सकती है.....

चमड़े की झुर्रिया दूर करने के लिए, पाचन तन्त्र ठीक करने के लिए, गैस, एसिडीटी, बालों का गिरना, खून की कमी, गठिया, हड्डियों को मजबूत करने के लिए, आंखो की रोशनी बढाने के लिए, कब्ज, खून की कमी, कफ, ह्रदय की कमजोरी, थकान, स्मरण शक्ति, सुडौल शरीर, बहरापन, किसी एलोपैथी दवा का रिएक्सन, दातों की मजबूती, नपुंसकता, डायबिटिज।

इन सभी बिमारियों के लिए ये औषधी रामबाण उपचार है। इसका नियमित प्रयोग आप सभी को इन सभी बिमारियों से सदा के लिए छुटकारा दिला देगा। आप सभी से विनती है कि बिमारी से हमेशा के लिए छुटकारा पाने के लिए कम से कम 6 माह तक इस औषधी का सेवन करे। आप चाहे तो और अधिक दिनों तक भी इस औषधी का सेवन कर सकते है।

आप सभी से विनम्र निवेदन है इस पोस्ट को पढ़ने के बाद अपने मित्रों के साथ जरूर शेयर करें। हमारा उद्देश्य इस जानकारी को उन लोगों तक पहुंचाना है जो इस बीमारी से लड़ रहे हैं और जिनके पास उपचार के लिए कोई बेहतर उपाय नहीं है।

अस्थमा का घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार

अस्थमा जैसी खतरनाक बिमारी से छुटकारा पाने के लिए कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय।

1. अनार और अदरख का रस समान मात्रा ले। जितना आप ने अदरख रस लिया था उतना ही उसमे शहद मिला ले। इस मिश्रण को दिन में तीन चार बार सेवन करे। ये अस्थमा के लिए बहुत लाभदायक है।

2. एक गिलास पानी में आधा नींबू का रस और उसमें थोड़ा सा चीनी मिलाकर उसका सेवन करें।

3. आंवले में दमा से लड़ने वाले सभी तत्व पाए जाते हैं। आंवले को अच्छी तरह टूट लें उसके बाद उसमें थोड़ा सा शहद मिला लें। दमा वाले मरीज इस मिश्रण का सेवन करें।

4. खाना खाते समय सलाद के रूप में कच्चे प्याज का सेवन करे। कच्चा प्याज दमा से लड़ने में लाभदायक है।
Jabong POP CPV IN RelianceTrends CPV (IN)

5. एक चम्मच अजवायन को आधा लीटर पानी में अच्छी तरह उबालें। उसके बाद इस उबले हुए पानी का भाप लें। आप चाहे तो इस पानी को पी भी सकते हैं। यह तरीका सांस की कई प्रकार की बीमारियों को दूर करती है।

6. जैतून का तेल और शहद को बराबर मात्रा में लेकर मिला लें। इस मिश्रण को एक गिलास गर्म दूध में डाल दे और इसमें दो-तीन लहसुन की कली भी मिला दे। सुबह नाश्ता करने से पहले इस दूध का सेवन करें।

7. रोज जितना संभव हो ताजे फलों का सेवन करें। यदि आप स्ट्रॉबेरी लेने में सक्षम है तो स्ट्रॉबेरी का सेवन जरूर करें। स्ट्रॉबेरी भी दमा जैसी खतरनाक बीमारी में बहुत कारगर है।

 आप सभी से विनम्र निवेदन है इस पोस्ट को पढ़ने के बाद अपने मित्रों के साथ जरूर शेयर करें। हमारा उद्देश्य इस जानकारी को उन लोगों तक पहुंचाना है जो इस बीमारी से लड़ रहे हैं और जिनके पास उपचार के लिए कोई बेहतर उपाय नहीं है।

लू लगने पर तुरन्त करे ये उपाय

गर्मियों का मौसम आ गया है। गर्मी आते हैं हमें लू सताने लगती है। आज हम लू से बचने के लिए कुछ घरेलू उपाय ऊपर बारे में बताने जा रहे हैं। लू लगने पर या उससे पहले भी आप इन उपायों को अपना सकते हैं। अगर लू लगने से पहले यह उपाय कर लेते हैं तो आपको लू लगने की समस्या से डरने की जरूरत नहीं है।

1. सूखे धनिया को रात में पानी में भिगो दें। सुबह उठकर धनिया को अच्छी तरह मसल कर उसमें थोड़ा सा चीनी मिलाकर उसका सेवन करें। ऐसा करने से लू लगने की से बचा जा सकता है।

2. गर्मियों में कच्चे आम के शरबत का सेवन लू लगने से बचने के लिए किया जाता है।लू से बचाव हा ये बहुत प्राचीन उपाय है।
Jabong POP CPV IN [RelianceTrends CPV (IN)
3. इमली के बीज को पानी में भिगो दें। अच्छी तरह भीग जाने के बाद उसे जान ले। जले हुए इस पानी में थोड़ा सा शक्कर मिलाकर रोज सुबह इसका सेवन करें। यदि दिन के समय घर से बाहर निकल रहे हैं तो इस पानी का सेवन जरूर करें।

4. दिन में घर से बाहर निकलने से पहले खाना अवश्य खाएं। इसके अलावा अपने साथ एक पानी की बोतल रखें। जब भी प्यास लगे थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें। कड़ी धूप में बाहर जाना हो तो कृपया हल्के रंग के कपड़े पहने। हल्के रंग के कपड़े धूप में जल्दी गर्म नहीं होता। इसीलिए यह धूप से बचाने में भी बहुत सहायक होते हैं।

5. खाना खाते समय प्याज का सलाद जरूर खाएं। प्याज लू से बचाने में पूरी तरह से सक्षम होता है। जो लोग प्याज का सेवन नहीं करते ऊपर बताए गए अन्य उपाय में से कोई भी अपना सकते हैं।

6. गर्मियों में शरीर का तापमान बढ़ जाता है इसीलिए शरीर में पानी की कमी होने लगती है। ज्यादा से ज्यादा पानी पीने का प्रयास करें और कुछ ऐसे फलों का सेवन करें जो शरीर में पानी की कमी को पूरी करते हैं जैसे तरबूज, ककड़ी, खीरा आदि।

7. गर्मी और लू से बचने के लिए बेल या नींबू के शरबत का सेवन करें। नींबू का शरबत आप घर में भी बना सकते हैं। बेल का शरबत आपको आसानी से बाजार में मिल जाता है।

8. दिन में एक बार फलों के जूस का सेवन जरूर करें। जो लोग फलों का जूस लेने में सक्षम नहीं है वह पानी में ग्लूकोस मिलाकर पी सकते हैं। ग्लूकोज शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है।

आप सभी से विनम्र निवेदन है कि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद कम से कम 3 लोगों को जरूर शेयर करें। शेयर करने से अधिक लोगों तक यह जानकारी पहुंच सकेगी और लोग इस गर्मी के मौसम में पानी की कमी और लू से बचाव में स्वयं सक्षम हो सकेंगे।


पायरिया के रोगी कृप्या ध्यान दें

आप सभी ने पायरिया बिमारी के बारे में तो सुना ही होगा। पायरिया दांतों की सबसे गंभीर  बीमारियों में से एक मानी जाती है। इस रोग का जन्म मुंह और दांतों की गन्दगी के कारण उत्पन्न होता है। यह रोग दांतों शुरू होकर मसूडो की जड़ तक फैल जाती है। इस रोग के हो जाने पर मुंह से भयानक बदबू आती है। इस रोग में मसूडो में जलन, सड़न, खून निकलना आदि होता है।

पायरिया की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्खे।

1. नीम के थोड़े कच्चे पत्ते लाकर उसे धूप में अच्छी तरह सुखाएं। अच्छी तरह सूख जाने के बाद उसे किसी में मिट्टी के बर्तन में रख कर जला दें। जब पति जल जाएंगे तो वह काले हो जाएंगे। इसके बाद उन काले पत्तों को अच्छी तरह से पीसकर उनका पाउडर बना लें। जितना पाउडर है ठीक उतना ही उसमें सेंधा नमक अच्छी तरह से मिला दे और इसके बाद उसे एक कांच की शीशी में भरकर रख दें। आप की दवाई लगभग तैयार हो गई है। हर रोज दिन में दो से तीन बार इस आयुर्वेदिक मंजन से दांत को साफ करें और अच्छी तरह से कुल्ला करें। जब तक पायरिया रोग पूरी तरह से खत्म ना हो जाए तब तक खाने के बाद तुरंत मंजन करें।
Jabong POP CPV IN RelianceTrends CPV (IN)
2. पायरिया रोग में लौंग का तेल बहुत फायदेमंद है। एक गिलास पानी में 6-7 बंद लौंग का तेल मिलाकर उस से कुल्ला व गरारे करें। इससे पायरिया रोग मैं मुंह से आने वाली बदबू जल्दी खत्म हो जाती है।

3. चुटकी भर सादा नमक उतनी ही मात्रा में हल्दी और उसमें कुछ बूंदे सरसों तेल की मिलाकर मिश्रण तैयार करें। इस मिश्रण को दातों पर अच्छी तरह लिफ्ट की तरह लगा लें। लेप लगाने के बाद इसे कुछ समय के लिए छोड़ दें। यदि आपके मुंह से लार निकलती है तो उसे थूकते रहे पर कुल्ला नहीं करें। लगभग 20 से 25 मिनट बाद कुल्ला कर लें। यह तरीका एक ही दिन में पायरिया को खत्म कर देता है। यदि रोज यह उपाय करते रहेंगे तो जीवन में कभी पायलिया नहीं होगा।

4. जिन लोगों का एरिया है वह लोग एक पान का पत्ता लें और उसमें एक कपूर का टुकड़ा डाल कर उसे मुंह में रख ले। उसके बाद उसे धीरे धीरे चलाएं और उसका रस बाहर थूकते रहे। इससे पायलिया से जल्दी छुटकारा मिल जाता है।

5. कपूर और घी को मिलाकर दांतों पर लगाने से या नीम के दातुन से ब्रश करने से यह रोग खत्म होने लगता है।

6. अमरूद का सेवन करने वाले लोगों को पायरिया की बीमारी बहुत कम होती है। लेकिन अगर आप अमरुद खाते हैं तो उस पर थोड़ा सा काला नमक रगड़ कर खाएं। ऐसा करने से पायरिया की बीमारी आपको कभी नहीं होगी।

7. काली मिर्च का पाउडर और नमक के मिश्रण कालेब आप अपने दांतो पर लगा सकते हैं यह पायलिया नाशक होता है।

8. जले हुए आंवले में सरसों तेल मिलाकर मसूड़ों पर मसाज करने से पायरिया का नाश होता है।

9. हरड़, सेंधा नमक, दालचीनी जीरा और सुपारी समान मात्रा में लेकर उसे अच्छी तरह पीस लें। इस मिश्रण से नियमित दांत साफ करें पायरिया की समस्या से हमेशा बचे रहेंगे।

10. अनार के छिलके को अच्छी तरह उबालें। बोलने के बाद पानी को छान लें और इस पानी से दिन में दो से तीन बार कुल्ला करें। पायरिया से लड़ने में यह बहुत कारगर औषधि है। इसके अलावा गर्म पानी में एक चुटकी नमक मिलाकर भी कुल्ला कर सकते हैं।

11.  बादाम का छिलका और फिटकरी को भूनकर पीस लें रोज से दांत साफ करें। व्यापारियों को बहुत जल्द जड़ से मिटा देता है।
आप सभी से विनती है कि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद कम से कम तीन लोगों के साथ जरूर शेयर करें। जितने ज्यादा लोगों तक यह पोस्ट पहुंचेगा इतने ज्यादा लोग इसका फायदा उठा सकते हैं। आपका एक पोस्ट पता नहीं किस को इस बीमारी से छुटकारा दिला दे।

इन दो तेलों के मिश्रण होता है चमत्कारी असर

हम जिन तेलों की बात कर रहे है वो तेल है, अलसी का तेल 100 ग्राम और कलौंजी का तेल 100 ग्राम। इन दोनों तेल को बाजार से लाकर इन्हे एक साथ अच्छे से मिला ले। ये दोनों तेल बाजार में या पतांजली स्टोर पर आसानी से मिल जाएगा। इस मिश्रण से होने वाले परिणाम.....

1. यदि आप किसी भी प्रकार की बालों की समस्या है तो इस तेल को अपने बालों में लगाएं। इसे लगाने से बालों का गिरना बंद हो जाता है। बाल मजबूत हो जाते हैं बाल काले रहते हैं। सफेद बाल भी धीरे-धीरे काले होने लगते हैं। इसके अलावा बालों में किसी अन्य प्रकार की बीमारी भी हो तो यह तेल उस बीमारी को ठीक कर देते हैं।

2. शुगर के मरीजों के लिए इन तीनों का मिश्रण बहुत लाभकारी है। शुगर के मरीज रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच इसका सेवन करना। इससे ना सिर्फ शुगर कंट्रोल होता है बल्कि कोलेस्ट्रोल भी कम होता है।

3. जो लोग थायराइड की समस्या से जूझ रहे हैं वह लोग रोज रात को खाने के आधे घंटे बाद एक चम्मच तेल के मिश्रण का सेवन करें। यह थायराइड को कंट्रोल करने में बहुत लाभकारी औषधि है।

4. जोड़ों का दर्द, साइटिका, अमरावती और पैरालिसिस के मरीजों के लिए इन दो तेल का मिश्रण किसी वरदान से कम नहीं है। पूरी आपको या आपके किसी परिचित को इनमें से कोई भी रोग हो तो इन तेलों के मिश्रण से मालिश करें और रोज सुबह में एक चम्मच इसका सेवन भी करें।
Jabong POP CPV IN RelianceTrends CPV (IN)
5. चर्म रोग से पीड़ित व्यक्ति भी इस तेल का उपयोग कर सकते हैं। जिस स्थान पर रोग है वहां इस तेल की मालिश करें। चर्म रोग चाहे किसी भी प्रकार की हो और कितनी भी पुरानी हो चुकी हो उसको यह जड़ से खत्म कर देता है।

6. यदि कोई व्यक्ति ऐसे किसी पुराने घाव की समस्या से जूझ रहा हो जो ठीक ना हो रहा हो और बार-बार उसमें से मवाद निकल रहा हो तो वो व्यक्ति अपने घाव पर इस तेल का मिश्रण लगाए।

7. ह्रदय रोग या हार्ट ब्लॉकेज की समस्या है तो रोज सुबह शाम आधा-आधा चम्मच तेल का सेवन करें।

8. दांत मे किसी भी प्रकार की समस्या हो जैसे- पायरिया, दांत का हिलना, मसूड़े कमजोर, दांतों मे झनझनाहट आदि। इस तेल के मिश्रण को दातों पर लगाएं दांतों की सभी प्रकार की समस्याएं खत्म हो जाएंगी।

9. यदि आपकी पैर की एड़ियां फट रही है और आप इससे परेशान हैं और छुटकारा पाना चाहते हैं तो इस तेल के मिश्रण को अपनी पैर की एड़ियों पर लगाएं। कुछ दिनों में फटी एड़ियां भरने लगेंगे।

10. गले की खराश या कफ की समस्या से छुटकारा पाने के लिए भी यह बहुत लाभदायक है। एक-एक चम्मच सुबह शाम सेवन करने से कफ और गले की खराश से राहत मिलता है। आप चाहें तो इसका नियमित सेवन भी कर सकते हैं।

11. यदि कोई व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार है तो हर रोज उसके नाक में एक एक बूंद तेल डालें। ऐसा करने से उसका मानसिक रोग दूर होने लगता है। साथी डिप्रेशन और तनाव की समस्या को भी खत्म कर देता है।

बहुत सारे लोग जानकारी के अभाव में अपना इलाज नहीं करवा पाते। आप सभी से विनम्र निवेदन है कि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद कम से कम तीन लोगों के साथ इसे जरुर शेयर करें। आपका यह 3 शेयर पता नहीं किस पीड़ित को राहत पहुंचा दे।

बवासीर की बिमारी का रामबाण उपाय



बवासीर एक बहुत ही घातक रोग है। ये इतना खतरनाक होता है की इसका जितना इलाज कराओ ये उतना बढ़ने लगती है। चुकी इस बिमारी में लगातार खून बहता रहता है इसलिए कइ बार इसके परिणाम बहुत घातक हो जाते है। एलोपैथी इलाज से ये बिमारी दब जाती है लेकिन पूरी तरह से ठीक नही होती। कुछ समय बाद ये बिमारी फिर से हो जाती है। लेकिन आयुर्वेद के माध्यम से इस बीमारी का पूरी तरह से इलाज संभव है। आज हम आप सभी को इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए उनो औषधियों के बारे में बताते हैं।
Jabong POP CPV INRelianceTrends CPV (IN) नागकेसर - 10 ग्राम
अविपत्तिकर - 20 ग्राम
सौफ- 15 ग्राम
स्वा. विरे.- 20 ग्राम
इन्द्रजौ - 30 ग्राम
शोणितागर्ल 20 ग्राम

सभी किसी अच्छी दुकान से उच्च गुणवत्ता वाली ही खरीदे। इसके बाद सभी रो एक साथ अच्छे मिलाकर कांच की सीसी में भरकर रख दे। हर रोज सुबह शाम एक चम्मच दवा का सेवन करे। कुछ ही दिनों में दवा का असर दिखना शुरू हो जाएगा। बिमारी पूरी तरह से ठीक होने के एक माह बाद तक दवा का सेवन जारी रखे और उसके बाद बंद कर दे।

जानकारी के अभाव में बहुत सारे लोग इस समस्या से परेशान है। आप सभी से विनम्र निवेदन है कि पढ़ने के बाद इस जानकारी को तीन लोगों के साथ अवश्य शेयर करें।

एलर्जी से बचने के लिए कुछ घरेलू उपाय

1. चाय- जी आप ने सही पढ़ा चाय। चाय से भी एलर्जी का इलाज किया जा सकता है। अदरक, काली मिर्च, तुलसी के पत्ते, लौंग व मिश्री को मिलाकर चाय बनाए और पीए। इससे ना सिर्फ एलर्जी ठीक होती है बल्कि शरीर को एनर्जी भी मिलती है।

2. कैस्टर ऑयल- आप फल या सब्जी का जूस जरूर पीते होंगे, उसमें पांच बूंद कैस्टर ऑयल मिलाकर पीने से एलर्जी की समस्या का सदा के लिए अंत हो जाता है।

3. नीबू पानी- नीबू बहुत ही गुणकारी होता है। इसको बहुत सारी बिमारीयों में प्रयोग किया जाता है। हर रोज नीबू पानी पीने से एलर्जी कभी नही होती है। सदा निरोग रहने के लिए हर रोज सुबह खाली पोट नीबू पानी का सेवन करना चाहीए।Jabong POP CPV INRelianceTrends CPV (IN)
4. सब्जियों का रस- प्रति दिन गाजर का रस पीने से एलर्जी की समस्या का अंत हो जाता है। आप चाहे तो खीरा चुकंदर और गाजर का मिक्स जूस भी ले सकते है। ये एलर्जी को ठीक करने के साथ साथ शारीरिक ऊर्जा भी प्रदान करता है।

5. नारियल तेल- यदि आप को त्वचा संबंधी एलर्जी है तो आप नारियल तेल में नीबू का रस मिलाकर रात में पूरे शरीर में लगा ले और रात भर लगा रहने दे। सुबह उट कर उसे नीम वाले पानी से धो ले। इससे त्वचा संबंधी किसी भी प्रकार की एलर्जी का नाश होता है।

6. खसखस के बीज- खसखस के बीज को नीबू के रस और शहद में मिलाकर उस स्थान पर लगाए जिस स्थान पर एलर्जी हुई है। इन तीनों मिश्रणों के लेप से एलर्जी का खात्मा हो जाता है।

जिन लोगो को बार बार एलर्जी हो जाती है उन्हे धूल, धुआ और परफ्यूम (सेन्ट) से बच कर रहना चाहीए।
जानकारी के बहुत सारे लोग इस समस्या से जूझते रहते हैं और उन्हें समय पर उचित इलाज नहीं मिल पाता। आप सभी से विनम्र निवेदन है कि पढ़ने के बाद इसे कम से कम तीन लोगों के साथ जरूर शेयर करें। यदि यह तीन तीन लोगों के साथ शेयर करनाल हमेशा जारी रहेगा तो यह संदेश आसानी से सभी लोगों तक पहुंच जाएगा।


जवानी बरकरार रखने के लिए अपनाए ये औषधी

इस संसार के दो कड़वे सत्य ना व्यक्ति बूढ़ा होना चहता है और ना ही मरना चाहता है। परन्तु यह तो संसार का अटल सत्य है कि जो पैदा हुआ है उसे मरना भी है। और समय समय चक्र के साथ उसकी उम्र भी लगातार बढ़ती रहती है, लेकिन बढ़ती उम्र का मतलब बूढ़ा होना नही है। इस संसार में बहुत सारे ऐसे तत्व पाए जाते है जो बूढ़ा होने से बचा सकते है। अाप सभी ने बहुत सारे ऐसे व्यक्तियों के बारे में सुना होगा जिनकी उम्र 200 से 500 वर्ष हुआ करती थी। आज के इस रासायनिक और मिलावटी युग में ऐसा तो संभव नही है लेकिन बुढ़ापे से लड़ने के लिए प्रकृति ने आज भी उन औषधीयों को हमारे लिए बचा कर रखा है।

आज मैं उन्हीं औषधीयों के बारे में बताने जा रहा हूं। इनका नियमित सेवन करने से बाल हमेशा काले रहते है, दांत कभी नही टूटते, शरीर की चमड़ी नही लटकती है, शरीर की सारी कोशिकाए हमेशा काम करती रहती है, शारीरिक शक्ति हमेशा बनी रहती है। इसके अलावा ये कुछ ऐसी बिमारियों को भी ठीक करती है जिनको आप शरमिंदगी के कारण किसी को बता नही सकते है।
Jabong POP CPV IN RelianceTrends CPV (IN)
गोरखमुंडी बूटी को फूल आने से पहले उखाड़ कर छाया में सुखा कर उसका चूर्ण बना ले।
                           गोरखमुंडी

भृंगराज को भी चूर्ण अवस्था में बदलें।
                       भृंगराज

भृंगराज और गोरखमुंडी का चूर्ण को समान मात्रा में मिलाएं। इसे बनाना बहुत मेहनत का कार्य है इसलिए आप चाहे तो दोनों चूर्ण को ज्यादा ज्यादा मात्रा में ले सकते हैं। दोनों को मिलाने के बाद इसे मिट्टी के कैसे साफ बर्तन में डाल दें। उसके बाद इसमें भृंगराज का ताजा रस डालें। रस इतनी मात्रा में होना चाहिए कि औषधि पूरी तरह उसमें डूब जाए। उसके पश्चात इसे सूखने के लिए रख दें। जब यह सूख जाए तो पुनः इस में भृंगराज का रस उतनी ही मात्रा में मिलाएं। ध्यान रहे किरस मिलाने के बाद इसे हर थोड़ी देर पर हिलाते रहे। यह प्रक्रिया पूरे 40 बार करनी होगी। औषधि बनाने में समय तो लगेगा पर यह अवश्य भी बहुत ही शक्तिशाली होगी। आखरी बार भृंगराज का रस मिलाने के बाद यानी 40वें बार रसके सूख जाने पर इसमें कुछ ना मिलाएं। आप की औषधि सेवन के लिए तैयार है।

सेवन विधि- रोज सुबह 10 ग्राम औषधि गाय के दूध के साथ खाएं। ध्यान रहे औषधि के सेवन के लिए गाय के दूध के अलावा कुछ अन्य पदार्थ ना लें। एक और ध्यान रखने योग्य बात है लगभग 6 माह तक ब्रम्हचर्य का पालन अवश्य करें। यदि आप इतना सब करने में समर्थ हैं तो 6 मा भाग आप इस औषधि के शक्तिशाली परिणामों को देखकर आश्चर्यचकित हो जाएंगे। आप खुद ही अनुभव करेंगे कि जितनी मेहनत आपने इसको बनाने में लगाया है उतना ही लाभदायक है यह औषधि।
यदि आप इस दवा को बनाने में असमर्थ है तो आप ऐसे लोगों की सहायता ले सकते हैं जो आयुर्वेदिक दवाएं तैयार करते हैं। आपको बाजार में बहुत सारे आयुर्वेदिक दवा तैयार करने वाले लोग मिल जाएंगे जो कुछ पैसे लेकर आपके लिए यह दवा तैयार कर देंगे। लेकिन यदि संभव हो तो दवा उसी व्यक्ति से तैयार करवाएं जिन से आप भली भांति परिचित हो, क्योंकि कुछ लोग पैसे कमाने के लिए इस प्रकार की नकली दवाएं बेचने का कार्य भी करते हैं। ऐसे लोगों से हमेशा सावधान रहें और उनसे कभी दवा ना बनवाएं। इस दवा का सेवन लगभग 6 माह से 1 वर्ष तक करें।

कोलेस्ट्रॉल कम करने का रामबाण उपाय


1. आधा लीटर पानी में दो चम्मच धनिया का बीज मिलाकर उसे अच्छे से उबालें। अच्छी तरह उबल जाने पर पानी को छान लें और उसे तीन बराबर भाग में बांट दे। उसके बाद उसे सुबह, दोपहर और शाम उस पानी को पीए। कुछ ही दिनों में कोलेसट्रॉल कम होने लगेगा और धीरे धीरे खत्म हो जाएगा।

2. हर रोज एक गिलास लौकी का रस पीने से खराब कोलेस्ट्रॉल बहुत तेजी से कम होने लगता है। आप लौकी का रस घर में भी बना सकते है। ध्यान रहे की लौकी ताजी हो और बिल्कुल भी कड़वी ना हो। फ्रिज में रखे लौकी का प्रयोग ना करें। हर रोज ताजी लौकी ही लाए।
Jabong POP CPV IN    RelianceTrends CPV (IN) 3. रोज सुबह एक गिलास पानी में एक नींबू निचोड़ कर पीए। इससे कोलेस्ट्रॉल नियंत्रीत होने लगता है और धीरे धीरे खत्म होने लगता है।

4. कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए शारीरिक मेहनत भी जरूरी है। हर रोज कम से कम एक किलोमीटर तक दौड़े या तेज गति से चलें।

हमारे द्वारा बताए गए उपाय को नियमित रूप से करने पर कुछ ही दिनों में आप का कोलेस्ट्रॉल खत्म होने लगेगा।

इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे ताकि सभी जरूरतमंदों तक ये जानकारी पहुंच सके।

मेथी दाने के चमत्कारी गुण


1. मेथी दाने में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो लोग खून की कमी की समस्या से परेशान है वो लोग रोज सुबह एच चम्मच भुने हुए मेथी दाने को चबाकर खाए। रोग चाहे कितना भी पुराना क्यों न हो लाभ जरूर होगा।

2. कई बार लोगों को ज्यादा गर्मी लगती है। कुछ लोगों में सूंघने की शक्ति खत्म हो जाती है। दोनों प्रकार के रोगी दिन 4-5 मेथी दाने को कच्चा चबाकर खाए। यह क्रिया दिन में 2-3 बार करें। इसके साथ मेथी के चूर्ण को जोर जोर से सूंघे।

3. यदि किसी मलेरिया हुआ हो तो उस रोगी को दिन 3-4 बार मेथी दाने की चाय बनाकर दें। मलेरिया मे ये बहुत ज्यादा फायदेमंद है।
Jabong POP CPV IN RelianceTrends CPV (IN)
4. जिन लोगों का कफ के कारण सीना, नाक, गला और सिर भारी लगने लगता है वो लोग दिन 3-4 बार मेथी दाने का काढा़ बनाकर पिए। यदि संभव हो तो इसके साथ साथ उपवास भी रख ले, इससे प्रभाव 10 गुणा बढ़ जाता है।

5. शुगर की बिमारी में मेथी दाना अमृत के समान है। रोज सुबह खाली पेट 1 से 2 चम्मच मेथी दाने का सेवन करें।

6. यदि आप सिर में रूसी की समस्या से परेशान हो तो मेथी दाने को उबाल कर उसके पानी से सिर धोए। दो से तीन दिन में ही परिणाम दिख जाएगा।

7. बालों को मजबूत और मुलायम बनाने के लिए मेथी दाने को कूट कर उसका पेस्ट बना ले, और उसे मेहंदी की तरह बालों में लगाए।

रोज 4 किशमिश खाने से होगा चमत्कारी बदवाव


नमस्कार दोस्तों, आप सभी किशमिश के विशय में तो जानते ही होंगे। आप मैं से बहुत सारे लोग इसका प्रयोग भी करते होगे। लेकिन आप ये नही जानते होंगे कि सुबह खाली मात्र 4 किशमिश खाने से शरीर में कुछ ऐसे चमत्कारी बदलाव होने लगता है जिनके बारे में सुन कर आप दंग रह जाएंगे। आइए जानते है किशमिश के उन चमत्कारी फायदों के बारे मे।

1. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए- किशमिश में बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते है जो इम्युनिटी बढ़ाने में बहुत कारगर है। इम्यूनिटी का मतलब होता है रोग प्रतिरोध क्षमता। सर्दियों में इसका सेवन करने वाले को संक्रमण का खतरा नही रहता है।Jabong POP CPV IN RelianceTrends CPV (IN)
2. वजन बढा़ने के लिए- जो लोग दुबले पतले है और अपना वजन बढाना चाहते है वो लोग रोज रात में 50 ग्राम किशमिश पानी में भीगो दें और सुबह इसे अच्छे से चबा चबा कर खाए। लगभग तन माह बाद आप का वजन बढ़ने लगेगा।

3. खून की कमी दूर करने के लिए- किशमिश में विटामिन बी कॉमप्लेक्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो हमारे शरीर में रक्त की कमी को पूरा करता है। इसका नियमित सेवन करने वाले को कभी रक्त की कमी नही हो सकती है।

4. लिवर ठीक करने के लिए- हर रोज किशमिश का पानी पीने से मेटाबॉलीज्म ठीक रहता है और लिवर की किसी भी प्रकार की कोई समस्या नही होती है।

आप सभी से विनम्र निवेदन है कि इस पेस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, ताकि जरूरतमंदों तक ये जानकारी पहुंच सके।

मुँह से बदबू आने पर अपनाए ये 4 उपाय


यदि आप के मुँह से बदबू आती है तो आप हमारे द्वारा  बताए गए आयुर्वेदिक उपाय को आपना कर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। मुँह से बदबू आने का मुख्य कारण पाएरिया होता है लेकिन कभी कभी दांतों में फसे भोजन के सड़न की वजह से भी बदबू आने लगती है। कारण चाहे जो भी हो हमारे द्वारा बताए गए उपाय से आप की समस्या पूरी तरह खत्म होगी।
Jabong POP CPV IN RelianceTrends CPV (IN)
1. एक चम्मच दालचीनी के पाउडर में थोड़ा सा तेजपत्ता और थोडी इलायची मिलाकर उसे एक कप पानी में अच्छी तरह उबाल ले। इसके बाद पानी को छान कर उससे कुल्ला करे। मुँह से बदबू की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी।

2. आधा गिलास पानी लें उसमें एक चम्मच मेथी के दाने भीगो दे। थोडी़ देर बाद पानी छानकर पी ले। आप ऐसा दिन के किसी भी समय कर सकते है।

3. एक चम्मच सेब का सिरका एक गिलास पानी में मिलाकर भोजन करने से थोड़ा पहले पी ले। अगर सुबह और शाम दोनों समय ऐसा करते है तो और प्रभावशाली होगा।

4. एक चम्मच नींबू रस को एक गिलास पानी में मिला लें, और इससे कुल्ला करें। इसके अलावा दिन मे कम से कम 3-4 लीटर पानी जरूर पीएं। 

किस रोग में कौन सा जूस पीना चाहिए


आज हम आपको कुछ ऐसे रसों के विषय में बताने जा रहे हैं जो विभिन्न रोगों के उपचार हेतु बहुत आवश्यक है। किस रोग में य की समस्या के समाधान के लिए किस फल के रस का सेवन करना चाहिए नीचे इसकी संपूर्ण जानकारी दी जा रही है। आप सभी से एक अनुरोध है कि कृपया इस पोस्ट को जितना अधिक हो सके शेयर करें।

1. भूख ना लगने पर टमाटर और अनानास के जूस का सेवन सुबह भोजन से पूर्व करना चाहिए।
इसके अलावा सुबह खाली पेट नींबू पानी का सेवन भूख की समस्या को दूर कर सकता है। यदि आप अदरक खाने में सक्षम है अदरक की चटनी सेंधा नमक के साथ खाए।

2. रक्त शुद्धि के लिए आप बहुत सी दवाओं और औषधियों का सेवन करते होंगे लेकिन कुछ ऐसे फलों का रस भी है जो आपके रक्त को पूरी तरह से शुद्ध कर देता है। रक्त शुद्धि के लिए आप नींबू गाजर चुकंदर टमाटर पालक और सेब के रस का सेवन कर सकते हैं।

3. दमा की बीमारी के लिए चुकंदर गोभी गाजर सब्जियों का सूप और मूंग का सूप ले सकते हैं। दमा रोगी घी मक्खन और तेल जैसे चीजों से दूर रहे।

4. हाई ब्लड प्रेशर के रोगी गाजर अंगूर संतरा और मौसंबी के रसों का सेवन करें। इसके अलावा थोड़ा शारीरिक और मानसिक आराम भी करें।

5. लो ब्लड प्रेशर के रोगी सभी मीठे फलों के रसों का सेवन करें और खट्टे फलों से दूर रहें। लो ब्लड प्रेशर में अंगूर और मौसमी का रस भी लाभदायक है इसके साथ ही आप दूध का भी सेवन कर सकते हैं।

6. पीलिया रोग में अंगूर से मौसमी संतरा और रसभरी के जूस का सेवन कर सकते हैं।

7. चेहरे पर पिंपल से छुटकारा पाने के लिए गाजर तरबूज प्याज तुलसी और पालक के रस का सेवन करें।
Jabong POP CPV IN RelianceTrends CPV (IN)
8. एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए गाजर पालक तुलसी ककड़ी के रस का सेवन करें।

9.  कैंसर के रोगी गेहूं के ज्वारे अंगूर और गाजर के रस का सेवन करें।

10. ग्लोइंग स्किन के लिए नारियल पानी और टमाटर के रस का प्रयोग करें।

11.  फोड़े फुंसियों से छुटकारा पाने के लिए गाजर पालक और लहसुन के रस का सेवन करें।

12. आंखों की दृष्टि बढ़ाने के लिए गाजर के रस का सेवन करें तथा अनिद्रा की समस्या को दूर करने के लिए सेब के रस का पान करें।

13.  वजन बढ़ाने के लिए पालक गाजर चुकंदर और गोभी के रस का सेवन करें।

14. डायबिटीज की बीमारी में गोभी गाजर और करेले के रस का पान करें।

15. पथरी के रोगियों के लिए ककड़ी का रस सबसे बढ़िया है। गाजर और कद्दू का रस भी पथरी में बहुत लाभदायक है। पथरी के रोगी पत्तेदार सब्जियों का प्रयोग बिल्कुल ना करें।

16. वजन घटाने के लिए पाइनेपल गोभी तरबूज और नींबू के रस का सेवन करें।

इसके अलावा आप किसी अन्य बीमारी से परेशान हैं और उसका समाधान चाहते हैं तो हमें कमेंट कर उस बीमारी का नाम बताएं। हम अपनी अगली पोस्ट में आपकी उस बीमारी का समाधान बताएंगे। हमारे द्वारा बताए गए तरीके पूरी तरह आयुर्वेदिक और घरेलू होते हैं जिसका शरीर पर कोई भी दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।

लकवा ( पैरालिसिस) का रामबाण इलाज


शरीर का जो अंग पूरी तरीके से कार्य करना बंद कर देता है उस अंग को लकवा या पैरालिसिस ग्रस्त अंग कहते हैं। लकवा लगने का सबसे बड़ा कारण शरीर के कुछ अंगों तक रक्त प्रवाह कब बंद हो जाना है। जब शरीर के उस हिस्से तक रक्त ना के बराबर पहुंचता है तो वह धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है। एक समय ऐसा आता है जब शरीर का वह भाग आप को छूने पर भी महसूस नहीं होता। इसी बीमारी को पैरालिसिस कहा जाता है।

आयुर्वेद में इस बीमारी के लिए कुछ औषधियों का वर्णन है। इन औषधियों के नियमित प्रयोग से लकवा जैसा रोग पूरी तरीके से समाप्त हो जाता है। जब लकवाग्रस्त अंग पर रक्त प्रवाह सुचारू रूप से होने लगता है तो वह अंग धीरे-धीरे स्वता ही ठीक हो जाता है। यह औषधियां रक्त को उस अंग तक पहुंचाने का कार्य करती है जो अंग लकवाग्रस्त है। इन औषधियों का सेवन किसी भी प्रकार से हानिकारक नहीं है।
Jabong POP CPV IN RelianceTrends CPV (IN) लकवा से निजात पाने वाले काहे को कैसे तैयार कर रहे हैं आइए अब इस विषय के बारे में जानते हैं।
कलौंजी एक चम्मच
लहसुन की कली- 8 नग
सोंठ- आधा चम्मच
त्रिफला- आधा चम्मच

सभी चीजों को एक साथ अच्छी तरह से मिला लें। इसके बाद दो गिलास पानी में इन सभी औषधियों को डालकर उन्हें तब तक उबालें जब तक पानी एक गिलास ना बचे। पानी एक गिलास हो जाने पर पानी को अच्छे से जान ले और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। कुछ ही दिनों में आपके लकवाग्रस्त अंग में फर्क आपको दिखने लगेगा।

एसिडिटी से परेशान हैं तो अपनाएं ये 5 उपाय


एसिडिटी एक बहुत ही गंभीर समस्या है। एसिडिटी के कारण कई बार हमारे पेट में छाती में या बदन में दर्द होने लगता है। कई बार ऐसा महसूस होने लगता है जैसे मानो हमें हार्ट अटैक आने वाला है। लेकिन ऐसा होता नहीं है एसिडिटी का दर्द ही कुछ ऐसा है। पेट में अचानक जलन यह पेट फूलना एसिडिटी की पहचान है। एसिडिटी के कारण खट्टी डकार और गले में जलन भी होने लगती है। जो लोग एसिडिटी की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें पेट साफ ना होने की परेशानी भी होती है। आजकल एसिडिटी की समस्या बच्चों में भी होने लगी है। इसका मुख्य कारण है हमारे खान पान की वस्तुओं में मिलावटी वस्तुओं का प्रयोग। आज हम आपको एसिडिटी की समस्या से निजात पाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जो एसिडिटी को पूरी तरह से खत्म करने में बहुत ही कारगर सिद्ध हुआ है।
Jabong POP CPV IN RelianceTrends CPV (IN)
1. एसिडिटी को मिटाने में आंवला बहुत ही लाभदायक है। आंवले में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो पेट दर्द गैस और एसिडिटी की समस्या से लड़ने में बहुत फायदेमंद है। आंवले के रोजाना सेवन से एसिडिटी की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो सकती है। आंवले के प्रयोग का कोई नियम नहीं होता इसलिए जिस समय आपकी इच्छा हो आप आंवले का सेवन कर सकते हैं।

2. एसिडिटी की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को अदरक का सेवन जरूर करना चाहिए। जब भी आपको एसिडिटी का अटैक महसूस हो आप अपने मुंह में अदरक का एक टुकड़ा डालकर उसके रस को धीरे-धीरे चूसे। इसके अलावा आप अदरक को उबालकर उसका पानी भी पी सकते हैं। ध्यान रहे क्यों गले में अदरक का पानी गर्भावस्था में ही पिया ठंडा होने पर उसका असर खत्म हो जाएगा।

3. कुछ लोग खाना खाने के तुरंत बाद सौंफ का सेवन करते हैं आपने यह जरूर देखा होगा। होटल या रेस्टोरेंट में भी खाना खाने के बाद सौंफ और मिश्री का मिश्रण दिया जाता है। सॉफ्ट एक ऐसी औषधि है जो खाने को बहुत तीव्र गति से बचा देती है। यह बात सभी जानते हैं जिसकी पाचन शक्ति अच्छी होती है और उसका खाना आसानी से पच जाता है उस व्यक्ति को कभी भी एसिडिटी की समस्या नहीं होती। खाना खाने के बाद आप सभी से अनुरोध है कि शौक जरूर चबाएं।
Jabong POP CPV IN   RelianceTrends CPV (IN)
4. पेट में दर्द होने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि वो एसिडिटी का दर्द हो। कई बार अन्य कारणों से भी पेट में दर्द होने लगता है लेकिन जब दर्द एसिडिटी का हो और आप यह बात अच्छी तरह जानते हैं कि आपको एसिडिटी का दर्द हो रहा है तो आप ठंडे दूध का सेवन करें। ठंडे दूध के सेवन से पेट का दर्द तुरंत खत्म हो जाता है।

5. केला एक ऐसा फल है जो पेट की अनेक प्रकार की बीमारियों में बहुत लाभदायक है। उन बीमारियों में से एक बीमारी एसिडिटी भी है। जिन लोगों को एसिडिटी की शिकायत है वह लोग हर रोज केले का सेवन करें। केले के सेवन से एसिडिटी में तुरंत राहत मिलता है। हर व्यक्ति को दिन में 2 केले अवश्य खाने चाहिए। नियमित केले का सेवन करने वाले व्यक्ति को पेट की समस्याएं ना के बराबर होती है या यूं कहें कि उन्हें पेट की समस्याएं होती ही नहीं है।

बदन दर्द का अचूक आयुर्वेदिक उपचार

क्या आप बदन दर्द से परेशान है? क्या बदन दर्द ने आप नींद उड़ा रखी है? आज हम आप को बदन दर्द से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय बताने जा रहे है।

1. यदि आप बदन दर्द से परेशान है तो आप सरसों के तेल में थोड़ा सा नमक मिलाकर उसे गुनगुना करे। गुनगुने तेल को अपने पूरे शरीर में लगा लें। थोड़ी देर बाद नहा ले बदन दर्द में आप को तुरन्त राहत मिलेगी।
Jabong POP CPV IN RelianceTrends CPV (IN)
2. अगर आप बदन दर्द बहुत पुराना है तो आप चार या पांच लहसुन की छिली हुई कली और थोड़ा सा लगभग आधा चम्मच अजवायन सरसों तेल में तब तक गर्म करें जब तब तक लहसुन की कली काली न हो जाए। इसके बाद तेल को सहने योग ठंडा कर गुनगुने तेल से शरीर की मालिश करें। कुछ ही दिनों में बदन दर्द ले राहत मिलने लगेगी।

3. हरि सब्जियों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करे।

4. प्रति दिन दूध में थोड़ा हल्दी मिलाकर उसका सेवन करें।

5. यदि संभव हो तो अखरोट के तेल से हर रोज मालिश करें। अखरोट के तेल से शरीर की ऐठन दूर हो जाती है, और दर्द ठीक हो जाता है।
Jabong POP CPV IN RelianceTrends CPV (IN)
6. बदन दर्द से छुटकारा पाने के लिए कपूर और सरसों तेल के मिश्रण का प्रयोग कर सकते है। 10 ग्राम कपूर को 200 ग्राम सरसों तेल में मिला कर उसे तब तक धूप में रखे जब तक कपूर और तेल एक साथ न मिल जाए। तैयार मिश्रण से पूरे शरीर की मालिश करें। पुराने से पुराना बदन दर्द कुछ ही दिनों में हमेशा के लिए गायब हो जाएगा।


Followers