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भारत की आवाज

हमारा ब्लॉग आयुर्वेद से संबंधित है और हम हर प्रकार की बीमारियों के लिए आयुर्वेदिक सलाह देते हैं| यदि आपको बीमारियों से संबंधित आयुर्वेदिक उपचार की आवश्यकता है तो आप हमारा ब्लॉक फॉलो कर सकते हैं|

योग करने का सही समय कब होता है?

1. सुबह का समय सबसे उपयुक्त होता है 2. खाना खाने के कुछ घंटे बाद ही योग अभ्यास करें 3. योग शुरू करने के पहले खुद को तनावमुक्त और मन को शांत कर लें 4. चुने हुए समय पर ही नियम से योग करें 5. शरीर में आए बदलाव को अनुभव करने के लिए नियमित रूप से योग करें 6. योग का अभ्यास ज़्यादा न करें

केल्शियम की कमी, धुंटनो मे गैप हौनां, धुंटनो मे सुजन वं आर्थराइटिस मे रामबाण इलाज -Calcium deficiency, gap in fumes, sunburn treatment in suzanne des Arthritis in fumes



धुंटनो के दर्द को खत्म करने वाली, धुंटनो मे गैप भरने वाली, केल्शियम से भरपूर, कमरदर्द, बदनदर्द, संधिवात वं आमवात मे उपयोगी आैषधी कैसे बनाए आइये जाने।

*अश्वगंधा               50 ग्राम*
*इलायची               30 ग्राम*
*कालीमिर्च             10 ग्राम*
*गोक्षुरा                  50 ग्राम*
*बिदारीकंद             50 ग्राम*
*शंखभस्म              15 ग्राम* 
*प्रवालपिष्टी            15 ग्राम*
*कुकुडान्तकभस्म   10 ग्राम*
*सुवर्णमाक्षिकभस्म 10 ग्राम*
*सफेद मुसली         50 ग्राम*
*चोपचीनी              30 ग्राम*
*शतावरजड़           50 ग्राम*
*सौंठ                     20 ग्राम*

उपर दी गइ चीजे भस्मो वं प्रवालपिष्टी को अच्छी ब्रांड की ले वं बाकी की आैषधी को पंसारी से लाकर साफ करके चूरन बनाकर मिक्स करले आैर भस्म वं आैषधी को मिलाकर चूरन तैयार करले । सुबह शाम 1-1 चम्मच खाने के बाद गुनगुने दूध से सेवन करें ।

यदि आप हमारे देश के  शहीदों को डोनेशन देना चाहते है तो किसी भी  विज्ञापन पर क्लिक करें। विज्ञापन  की कमाई का 30% शहीदों को दान दिया जाएगा।

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सोते समय नाभि में बस 2 बूंद तेल डालें और सेहत के 17 फायदे पाएं - While sleeping, just add 2 drops of oil to the navel and get 17 benefits of health



नाभि शरीर का केंद्र बिंदु होता है। ह र रात सोने से पहले अगर आप मात्र दो बूंद तेल भी नाभि में डालते हैं तो सेहत के कई आश्चर्यजनक फायदे मिल सकते हैं। यह त्वचा, प्रजनन, आंखों और मस्तिष्क के लिए अत्यंत उपयोगी है। आइए जानते हैं नाभि में तेल डालने से क्या और कौन से फायदे मिलते हैं...


-नाभि में रोजाना तेल लगाने से फटे हुए होंठ नर्म और गुलाबी हो जाते हैं।

-इससे आंखों की जलन, खुजली और सूखापन भी ठीक हो जाता है।

-नाभि में तेल लगाने से शरीर के किसी भी भाग में सूजन की समस्या खत्म हो जाती है।

-सरसों का तेल नाभि पर लगाने से घुटने के दर्द में राहत मिलती है।

-नाभि पर सरसो तेल लगाने से हमारे चेहरे की रंगत बढ़ जाती है, इसलिए आपको रोजाना नाभि पर सरसो तेल लगाना चाहिए।

-नाभि पर सरसो तेल लगाने से पिंपल्स और दाग-धब्बे ठीक होते है।

-नाभि पर सरसो तेल लगाने से हमारा पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।

- बादाम का तेल लगाने से त्वचा की रंगत निखर जाती है।

- नाभि में तेल लगाने से पेट का दर्द कम होता है।

-इससे अपच, फ़ूड पॉइजनिंग, दस्त, मतली जैसी बीमारियों से भी राहत मिलती है।

-इस तरह की समस्याओं के लिए पिपरमिंट आइल और जिंजर आइल को किसी अन्य तेल के साथ पतला करके नाभि में लगाना चाहिए।

- अगर आप मुहांसों की समस्या से परेशान हैं तो आपको नीम के तेल को नाभि में लगाना चाहिए। इससे आपके कील-मुहांसे दूर होने लगेंगे।

-अगर आपके चेहरे पर कई तरह के दाग की समस्या है तो नीम का तेल नाभि में डालने से ये दाग दूर होंगे। नाभि में लेमन आयल लगाने से भी दाग धब्बे भी दूर होते हैं।

-नाभि प्रजनन तंत्र से जुड़ी हुई होती है। इसलिए नाभि में तेल लगाने से प्रजनन क्षमता विकसित होती है।

- कोकोनट या ऑलिव आइल को नाभि में लगाने से महिलाओं के हार्मोन संतुलित होते हैं और गर्भधारण की संभावना बढ़ती है।

- नाभि में तेल लगाने से पुरुषों के शरीर में शुक्राणुओं की वृद्धि और सुरक्षा होती है।

- माहवारी से संबंधित समस्याओं से आजकल हर दूसरी-तीसरी महिला ग्रस्त मिलती है। अगर पीरियड्स के दौरान ज्यादा दर्द हो तो रूई के फाहे में थोड़ी सी ब्रांडी लगाकर नाभि में लगाने से ये दर्द तुरंत दूर हो जाता है।

नाभि की नियमित रूप से सफाई बहुत जरूरी है इसके लिए कुसुम, जोजोबा, ग्रेप्स सीड, या इसी तरह के अन्य हल्के तेलों को रूई में लगाकर नाभि में लगायें और धीरे-धीरे मैल साफ़ करें।

नाभि में मौजूद मैल के कारण बैक्टीरिया और फंगस के पनपने की संभावना होती है। इसलिए कोई भी संक्रमण बढ़ सकता है। ऐसे में यह जरूरी है कि आप संक्रमण को दूर करने वाले असरदार तेलों का प्रयोग करके नाभि को नम बनाकर रखें। इन तेलों में मस्टर्ड आइल सबसे असरदार हैं.

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अदरक के 12 Beauty Secrets, झड़ते बालों से लेकर स्किन प्रॉब्लम्स होंगी दूर - Ginger's 12 Beauty Secrets, From Falling Hair to Skin Problems Will Be Away



अदरक एक ऐसा भारतीय मसाला है, जो हर घर में रोजाना इस्तेमाल होता है। इसकी तासीर गर्म होने के कारण सर्दियों में इसका ज्यादा सेवन किया जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण ना सिर्फ बीमारियों को दूर करते हैं बल्कि यह चेहरे की रौनक बढ़ाने में भी आपकी मदद करता है। चलिए जानते हैं कि किस तरह अदरक के इस्तेमाल से आप ब्यूटी से जुड़ी परेशानियों को दूर कर सकते हैं।
अदरक के ब्यूटी बेनिफिट्स

त्वचा का ढीलापन करें दूर

अदरक में मौजूद 40 से अधिक एंटी ऑक्सीडेंट कंपाउंड एंटी-एजिंग प्रोसेस को धीमा कर देते हैं। इससे त्वचा में कसावट व लचीलापन आता है, जिससे आप लंबे समय तक ज‍वां नजर आते हैं। अदरक या इसके पाउडर में समान मात्रा में शहद, चंदन पाउडर व नींबू का रस मिलाकर हफ्ते में 2 बार आधे घंटे के लिए चेहरे पर लगाएं। जब यह सूख जाए तो ताजे पानी से धो लें।

झुर्रियां से निजात

अदरक के सेवन से शरीर की कोशिकाओं में रक्त संचार सही से होता है, जिससे झुर्रियां दूर होने के साथ-साथ त्वचा में निखार भी आता है।
अदरक से पाएं इवन टोन स्किन

अदरक में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट और स्किन-टोनिंग गुणों के कारण स्किन में चमक आती है। इसके लिए अदरक के रस में शहद व नींबू का रस मिलाकर चहरे पर लगाएं और सूख जाने पर ठंडे पानी से धो दें। इवन टोन स्किन पाने के लिए इसे दिन में दो या तीन बार लगाएं।
कील-मुंहासे से छुटकारा

अदरक में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। ऐसे में रोजाना इसका सेवन करने से दाग-धब्बे और कील-मुंहासे दूर हो जाते हैं।

स्किन जलन से राहत

त्वचा में किसी भी प्रकार की जलन होने पर अदरक के रस को उस हिस्से पर लगाएं। इससे आपको तुरंत आराम मिलेगा।
त्वचा को करें डिटॉक्स

अदरक से चेहर में मौजूद बैक्टीरिया व विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इसके लिए आप अदरक के रस को चेहरे पर लगाकर 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें। जब यह सूख जाए तो ताजे पानी से चेहरा साफ कर लें। इससे आपकी स्किन डिटॉक्स हो जाएगी।
रिमूव करें स्किन टैग्स

स्‍किन टैग्स को हटाने के लिए अदरक को बारीक काटकर उस हिस्से पर 5 मिनट के लिए रखें। ऐसा दिन में 2 बार नियमित रूप से करने पर स्किन टैग्स सिकुड़ जाएंगे और त्वचा सॉफ्ट व क्लीन हो जाएगी।

चेहरे पर लाए निखार

अदरक का इस्तेमाल त्वचा में प्राकृतिक चमक लाने के लिए भी किया जा सकता है। अदरक के रस को गुलाबजल व शहद मिलाकर चेहरे पर 20 मिनट तक लगाएं। फिर ताजे पानी से चेहरा धो लें। ऐसा नियमित रूप से करने के पर आपके चेहरे पर प्राकृतिक चमक बनी रहेगी।
हाइपरप्लगमेंटेशन

अगर आप हाइपरप्लगमेंटेशन और काले धब्बों की समस्या से परेशान हैं तो अदरक का इस्तेमाल करें। इसके लिए एक अदरक को आधा काट लें। अब इसे हाइपरपिग्मेंटेड त्वचा पर लगाएं और कुछ देर तक रगड़े। सूख जाने पर ठंडे पानी से धो दें। इससे आपको कुछ समय में ही फर्क देखने लगेगा।
डैंड्रफ को करें दूर

अगर आपको डैंड्रफ की समस्या है तो हफ्ते में 2 बार अदरक के तेल को स्कैल्प पर लगाएं। इससे आपकी समस्या कुछ ही समय में दूर हो जाएगी।

तेजी से बढ़ाती हैं बाल

इसके नियमित इस्तेमाल से स्कैल्प का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे बाल तेजी से लंबे होते हैं। इतना ही नहीं, इसका इस्तेमाल दोमुहें बालों की समस्या को भी दूर करता है। इसके लिए अदरक पाउडर में दही मिक्स करके स्कैल्प और बालों में लगाएं। 10-15 मिनट बाद बालों को ताजे पानी से धो लें।
ऑयली स्कैल्प से निजात

यह सिर्फ बालों का झड़ना ही नहीं रोकती ब्लकि ऑयली स्कैल्प को भी ठीक करती है। इसके लिए अदरक और नींबू का रस मिलाकर बालों की जड़ों में लगाएं। 1 घंटे बाद ठंडे पानी से धो दें। हफ्ते में तीन से चार बार इसका इस्तेमाल करने से बालों में सीबम का उत्पादन कम हो जाएगा और ऑयली स्कैल्प की समस्या दूर होगी।

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आंखो की रोशनी बढ़ाकर चश्मे के नंबर दूर करने वाला चमत्कारी नुस्खा - Miraculous recipe to remove eyeglasses by enhancing eyesight



आज हम बात करते है आंखो की, दोस्तो ऐलोपैथी सायन्स हरगीज यह मानने को तैयार नही है की आंखो री रोशनी बढ़ सकती है लेकिन दोस्तो पांच हजार साल पुराने हमारे आयुर्वेदिक शास्ञोमे चुनिंदा जडीबुट्टीयो से आंखो के रोग जैसे की, आंखो मे कम दिखनां, रात को देखने मे दिक्कत होनां, आंखो मे जाला होनां (धुंधलापन), दूर का देखने मे दिक्कत, नजदीक का देखने मे दिक्कत, आंखो मे रंगो की परख नां होनां, रोशनी देखने मे दिक्कत, तो कीसी को रात को देखने मे दिक्कत, छोटे शब्दो का नां दिखनां वगेरह आंखो के रोग से आप ग्रसित है तो यह मेसेज आपके लिये ही है | दोस्तो जो उपाय मे निचे बतां रहां हू वह कइ लोगो पर आजमाया गया है आैर हंमेशा खरा उतरने वाला यह नुस्खा है खूद पढे़ आैर जरुरतमंदो को प्रयोग करवाऐ |

बडी मिश्री    200 GMS
बादाम.        100 GMS
इलायची        50 GMS
सौंफबीज.     50 GMS
आंवला         50 GMS
प्रवालपिष्टी    10 GMS

दोस्तो उपर दी गइ चिजो को पंसारी से A+ क्वालीटी की  (जो की सबसे उत्तम क्वालीटी होती है) लाकर सभी को पीसकर चूरन बनाकर कांच के डिब्बे मे भरकर रख दिजिये |

सेवन विधि
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सुबह शाम 1-1 चम्मच यह आैषधि + 1-1 गायका धी लेकर सेवन करीये आैर उपर से दूध पीऐ | इसका सेवन 3 से 6 महिनों तक आपने कर लियां तो आप आंखो की सभी बिमारीयो को भूल ही जायेंगे |

अगर आप कीसी भी बिमारी से सालो से पिडीत है आैर आशा की कोइ उम्मीद नही बची तब आप हमसे इलाज करके देखिये.

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प्याज़ को हाथों पर रगड़ने से मिलेगा इन रोगों से जड़ से छुटकारा- Rubbing onion with hands will get rid of the root cause of these diseases



आपने तो सुना ही होगा जो सबसे ज्यादा रुलाता है वो प्यार और देखभाल भी हमारी सबसे ज्यादा ही करता है। ऐसा ही कुछ प्याज़ के संबंध में भी है। ‘An apple in a day, keeps doctor away’ वाली थ्योरी भी अब बदलने वाली है, वह दिन दूर नहीं जब लोग यह कहने लग जायंगे ‘An onion in a day, keeps doctor away’. यह हमारे खाने को स्वादिष्ट तो बनाता ही है, उसके बावजूद भी यह हमारी और भी कई तरह से फायदेमंद है। आज प्याज़ के जो फायदे हम बताने वाले हैं, उन्हें देख कर आप चौंक जायंगे-

उल्टी हो रही हो तो प्याज़ का ज्यूस लें!

अगर आपको कुछ स्वस्थ न लगे बार-बार उल्टी जैसा लगे तो एक कप में प्याज़ का ज्यूस लें आपको उल्टी आना बंद हो जायंगी।

जब भी कोई कीड़ा काट ले, जिस जगह पर कीड़े ने काटा है वहाँ प्याज़ रगड़लें!

हाँ मैं जानता हूँ यह सुनने में थोड़ा अज़ीब लग रहा होगा, मगर यकीन मानिए यह बहुत फायदेमंद है। आपको कुछ ही देर में फायदा नज़र आने लग जायगा।

अगर आप बुखार में हैं? तो अपने सॉक्स  में प्याज का टुकड़ा डाल कर सोयें!

अगर आप बुखार से परेशान है तो प्याज़ का एक टुकड़ा अपने सॉक्स में डाल के सोयें। जब आप प्याज़ के सुरक्षा कवच के घेरे में सोएंगे तो सुबह तक स्वस्थ हो जाएंगे।

हाथों में अगर जलन हो तब भी यही करे!

याद रखिये प्याज़ की प्रकृति दर्द निवारक ओषधि की तरह है, और यह काफी ठंडा भी होता है। तो जब आप अपने जलते हाथों में इसे मलते हैं तो यह ठंडक पहुंचता है।

पैरों में छाले पड़ जाने पर

पैरों में छाले पड़ जाने पर छाले के ऊपर प्याज़ को रोज़ थोड़ी देर घुमाएँ 5 दिनों में आपका छाला गायब हो जायगा।

अगर आपको एक छोटी सी फांस लम्बे समय से परेशान किये हुए है? तो यहाँ उसका उपाय है

प्याज़ का एक छोटा सा टुकड़ा उठाइए और उसे फांस वाली जगह पर 40 मिनट तक घुमाइए। और फिर हटा लीजिये फांस वहाँ से गायब हो जाएगी।

मुश्किल दिनों में प्याज दवा की तरह काम करता है।

जी हाँ, आप बिलकुल सही पढ़ रहे हैं। शुरुआत के 2-3 दिन इसका उपयोग कीजये और फर्क देखिये।

तो अगर आप हमेशा प्याज़ को अपने पास रखोगे तो बीमारियाँ आपसे कोसों दूर हो जायंगी।

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सुबह उठते ही आती हैं लगातार छींके तो क्या करें ? - If you wake up early in the morning, then what should you do?



साइनोसाइटिस की समस्या बढ़ते प्रदूषण और लगातार जुकाम रहने के कारण होती है। हमारी खोपड़ी में अनेक प्रकार के खोकले छेद होते हैं जो ये छेद सांस लेने में मदद करते हैं। जिसे साइनस कहते हैं। जब हम सांस लेते हैं तो इसके साथ धूल-मिट्टी के कण अंदर चले जाते हैं तो यह छेद हवा को साफ करके फेफड़ो तक पहुंचाते हैं। जब यह काम करना बंद कर देते है तो साइनोसाइटिस की समस्या हो जाती है। इस समस्या के होने पर रोगी को सुबह उठते ही छींके आना, जुकाम-खांसी, बदन दर्द, आंखों से आंसू आना, दांतों में दर्द जैसी समस्या होने लगती है। आज हम आपको साइनोसाइटिस होने के कारण और इस से बचने के उपाय बताएंगे, जिसे इस्तेमाल करके आप इस समस्या से बच सकते हैं।
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साइनोसाइटिस होने के कारण
1. टेंशन होने के कारण
अगर आप हर वक्त तनाव में रहते हैं तो आप कई बीमारियों को बुलावा दे रहे हैं। तनाव के कारण साइनोसाइटिस होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके कारण सिर दर्द भी होने लगता हैं।
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2. ज्यादा देर ठंड में रहना
जिन लोगों को ज्यादा देर ठंड में रहना पड़ता है। उन्हें इस बीमारी के चांस बहुत अधिक होते हैं। तेज हवा और ठंडे मौसम में रहने से कफ दोष बिगड़ जाता है और बलगम बनने लगती है।
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3. वायु प्रदूषण
बढ़ते प्रदूषण के कारण इस बीमारी का खतरा बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए ऐसे प्रदूषण में सांस लेने से कीटाणु अंदर चले जाते हैं जो एलर्जी का कारण बनते हैं। जिसके कारण नाक में सूजन हो जाती है और जलन होने लगती है।

साइनोसाइटिस से ऐसे करें बचाव
1. हल्दी और अदरक की चाय
इस समस्या से बचने के लिए हल्दी और अदरक वाली चाय बना कर पीएं। हल्दी में ऐसे औषधीय गुण पाएं जाते है जो जलन को कम करते हैं। जिससे एलर्जी से बचा जा सकता है। अदरक में भी ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो बंद नाक को खोलने में मदद करते हैं।
इस चाय को बनाने के लिए एक कप उबलते पानी में एक इंच हल्दी और एक इंच अदरक को पीसकर डालें और इसे धीमी आंच पर ढक्कर 10 मिनट के लिए उबालें। फिर इसे छान कर चाय का सेवन करें।
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2. स्टीम लें
म्यूकस की मात्रा ज्यादा होने पर भाप जरूर लें। भाप लेने से म्यूकस पिघलता है और नाक अच्छी तरह से साफ होता है। भाप के लिए एक लीटर पानी को उबाल लें और फिर इसमें थोड़ा-सा कपूर मिलाएं। अब इसकी भाप को 10 से 15 मिनट तक लें। इस प्रक्रिया के आराम आने तक रोजाना करते रहे।
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3. अधिक पानी पीएं
इस समस्या से बचने के लिए अधिक मात्रा में पानी पीएं। इससे म्यूकस पतला होता है और नाक में ब्लॉकेज खत्म होती है। जिससे साइनोसाइटिस का खतरा कम होता है।
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4. नाक की सफाई रखें
इस बीमारी से बचने के लिए नाक की रोजाना सफाई करें। इसकी सफाई करने के लिए रात को सोने से पहलें या फिर सुबह-सुबह नाक में थोड़ा-थोड़ा पानी डाल कर साफ करें। इसे जोर से मसल कर साफ न करें।
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5. वातावरण साफ रखें
इस बीमारी का मुख्य कारण वायु में धूल, मिट्टी के महीन कण, पशुओं के बाल आदि का होना है। अगर आपने ने घर पर पालतू जानवर रखा है तो इन्हें घर से बाहर रखें और इनकी सफाई पर भी विशेष ध्यान दें। घर में एयर प्यूरिफायर लगवाएं, जिससे आपके घर के अंदर वातावरण साफ बना रह सके.

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सब बीमारी का एक इलाज- A cure for all illness



गौमुञधनसत्व    20 gms
गंधर्व हरितकी    350 gms
अजवाइन.         20 gms
मुलेठी               50 gms
सौंठ.                20 gms

उपर बताइ गइ सभी चिजे पंसारी से एवं गौमुञ धनसत्व ( गौमुञ भस्म) आपको कीसी गौशाला से प्राप्त होगी सभी को मिक्स करके चूरन बनाले|
                   
रात्रि को सोते समय चम्मच पावडर एक गिलास पूरा गुनगुने पानी के साथ लेना है।

गरम पानी के साथ ही लेना अत्यंत आवश्यक है लेने के बाद कुछ भी खाना पीना नहीं है।

यह चूर्ण सभी उम्र के व्यक्ति ले सकतें है।
चूर्ण रोज-रोज लेने से शरीर के कोने-कोने में जमा पडी गंदगी(कचरा) मल और पेशाब द्वारा बाहर निकल जाएगी ।
पूरा फायदा तो 80-90 दिन में महसूस करेगें, जब फालतू चरबी गल जाएगी, नया शुद्ध खून का संचार होगा ।

 चमड़ी की झुर्रियां अपने आप दूर हो जाएगी। शरीर तेजस्वी, स्फूर्तिवाला व सुंदर बन जायेगा ।

❇ पाचनतंञ फिरसे मजबूत हो जायेगा |
❇ गैस,ऐसीडीटी, दीर होगी |
❇बालो का गीरनाॉ रुक जायेगा |
❇ शरिरमे खून बढ़ने लगेगा |
❇ गठिया दूर होगा और गठिया जैसा जिद्दी रोग दूर हो जायेगा ।

❇ हड्डियाँ मजबूत होगी ।
❇ आॅख का तेज बढ़ेगा ।
❇ बालों का विकास होगा।
❇ पुरानी कब्जियत से हमेशा के लिए मुक्ति।
❇ शरीर में खुन दौड़ने लगेगा ।
❇ कफ से मुक्ति ।
❇ हृदय की कार्य क्षमता बढ़ेगी ।
❇ थकान नहीं रहेगी, घोड़े की तहर दौड़ते जाएगें।
❇ स्मरण शक्ति बढ़ेगी ।
❇ स्त्री का शारीर शादी के बाद बेडोल की जगह सुंदर बनेगा ।
❇ कान का बहरापन दूर होगा ।
❇ भूतकाल में जो एलाॅपेथी दवा का साईड इफेक्ट से मुक्त होगें।
❇ खून में सफाई और शुद्धता बढ़ेगी
❇ शरीर की सभी खून की नलिकाएॅ शुद्ध हो जाएगी ।
❇ दांत मजबूत बनेगा, इनेमल जींवत रहेगा ।
❇नपुसंकता दूर होगी।
❇ डायबिटिज काबू में रहेगी, डायबिटीज की जो दवा लेते है वह चालू रखना है। इस चूर्ण का असर दो माह लेने के बाद से दिखने लगेगा ।


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अब वजन जरुर कम होगा -हजारो मरीजोको लाभ मिला क्यां आप भी मोटापे से परेशान है ? - Now the weight will definitely be less - Do the patients get the benefit, are you too upset with obesity?


यह नुस्खा को बनानां बिल्कुल ही आसान है इसमे लिखी सामग्री आपको बहोत ही आसानी से प्राप्त हो जायेगी । इनसे आपका पाचनतंञ सुधर जायेगा । वजन करीबन १ महिनेमे 3-6 Kg तक कम होगा । भुख पर कन्ट्रोल होगा । एसीडीटी, गैस, पेट का अल्सर वगेरह की समस्या दूर होगी । शरीरकी अतिरीक्त चर्बी आसानी से पिधलेगी  । युरीनरी प्रोब्लेम जैसे की पेशाब की जलन या बार बार युरीन कम आनां वगेरह समस्या मे भी लाभ होगा ।  आपको स्कूर्ती का अहसास होगा । थाइराइड बेलेन्स होगा ।

*1 महिनेमे 3-6 Kg वेइटलोस करने वाला डीटोक्स टी आइए जानते है धरपर कैसे बनाते है*

साबूत धनियां  -  100 Gms
साबूत सौंफ    -  100 Gms
साबूत जीरां    -  100 Gms
सौंठ चूरन       -   30  Gms

उपर लिखी सभी चिजो को पंसारी या किराने की शोप से लेकर आइए फीर उन सबको मिलादे । आैर कांच के डिब्बेमे भरकर रख दिजिए ।

*कैसे करे सेवन*

सुबह 2 ग्लास पानी +3 चम्मच उपर बतायां गया मिश्रण लेकर तब तक धीमी आंच पर पकाए जबतक 1 ग्लास पानी बचे । फीर सुबह खालीपेट इसको छानतर पीए ।

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तांबे के बर्तन में पानी पीने से होते हैं यह 16 लाभ- Drinks in copper utensils are 16 benefits



आपने कई लोगों को तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते देखा होगा और लोगों को  कहते भी सुना होगा, कि तांबे के बर्तन में रखा पानी, स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद फायदेमंद होता है। क्या आप जानते हैं, तांबे के बर्तन में रखे पानी का सच ? अगर जानना चाहते हैं, इसके लाभदायक गुणों के बारे में तो जरूर पढ़िए, यह 10 प्रमुख लाभ -
 1  तांबा यानि कॉपर, सीधे तौर पर आपके शरीर में कॉपर की कमी को पूरा करता है और बीमारी पैदा करने वाले जीवाणुओं से आपकी रक्षा कर आपको पूरी तरह से स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है।

2  तांबे के बर्तन में रखा पानी पूरी तरह से शुद्ध माना जाता है। यह सभी प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म कर देता है, जो डायरिया, पीलिया, डिसेंट्री और अन्य प्रकार की बीमारियों को पैदा करते हैं।

3  तांबे में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होने के कारण शरीर में दर्द, ऐंठन और सूजन की समस्या नहीं होती। ऑर्थराइटिस की समस्या से निपटने में भी तांबे का पानी अत्यधि‍क फायदेमंद होता है।

4  इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट कैंसर से लड़ने की क्षमता में वृद्धि‍ करते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार तांबे कैंसर की शुरुआत को रोकने में मदद करता है और इसमें कैंसर विरोधी तत्व मौजूद होते है।

5  पेट की सभी प्रकार की समस्याओं में तांबे का पानी बेहद फायदेमंद होता है। प्रतिदिन इसका प्रयोग करने से पेट दर्द, गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी परेशानियों से निजात मिल सकती है।

6  शरीर की आंतरिक सफाई के लिए तांबे का पानी कारगर होता है। इसके अलावा यह लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है और किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से निपटने में तांबे के बर्तन में रखा पानी लाभप्रद होता है।

7  तांबा अपने एंटी-बैक्‍टीरियल, एंटीवायरल और एंटी इंफ्लेमेट्री गुणों के लिए भी जाना जाता है। यह शरीर के आंतरिक व बाह्य घावों को जल्‍दी भरने के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है।

8  तांबे में भरपूर मात्रा में मौजूद मिनरल्स थॉयराइड की समस्या को दूर करने में सहायक होते हैं। थॉयराइड ग्रंथि‍ के सही क्रियान्वयन के लिए तांबा बेहद उपयोगी है।

9  तांबे में उपस्थि‍त एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व असमय बढ़ती उम्र के निशान को कम कर आपको जवां बनाए रखता है। इसके अलावा यह फ्री रैडिकल में भी लाभदायक है, जो त्वचा को झुर्रियों, बारीक लाइनों और दाग-धब्बों से बचाकर स्वस्थ और जवां बनाए रखता है।

10  एनीमिया की समस्या होने पर तांबे में रखा पानी काफी लाभदायक होता है। यह भोज्य पदार्थों से आयरन को आसानी से सोख लेता है। जो एनीमिया से निपटने के लिए बेहद जरूरी है।

11  तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से त्वचा पर किसी प्रकार की समस्याएं नहीं होती। यह फोड़े, फुंसी, मुंहासे और त्वचा संबंधी अन्य रोगों को पनपने नहीं देता जिससे आपकी त्वचा साफ और चमकदार दिखाई देती है।

12  त्वचा को अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाने के लिए मेलानिन के निर्माण में तांबा अहम भूमिका निभाता है। मेलानिन त्वचा, आंखों एवं बालों के रंग के लिए जिम्मेदार तत्व होता है।
13  तांबे का पानी पाचनतंत्र को मजबूत कर बेहतर पाचन में सहायता करता है। रात के वक्त तांबे के बर्तन में पानी रखकर सुबह पीने से पाचन क्रिया दुरूस्त होती है। इसके अलावा यह अतिरिक्त वसा को कम करने में भी बेहद मदददगार साबित होता है।

14  दिल को स्वस्थ बनाए रखकर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर यह बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इसके अलावा यह हार्ट अटैक के खतरे को भी कम करता है। यह वात, पित्त और कफ की शिकायत को दूर करने में मदद करता है।

15  एनीमिया की समस्या होने पर तांबे में रखा पानी काफी लाभदायक होता है। यह भोज्य पदार्थों से आयरन को आसानी से सोख लेता है। जो एनीमिया से निपटने के लिए बेहद जरूरी है।

16  मस्तिष्क को उत्तेजित कर उसे सक्रिय बनाए रखने में तांबे का पानी बहुत सहायक होता है। इसके प्रयोग से स्मरणशक्ति मजबूत होती है, और दिमाग तेज होता है।

आपने कई लोगों को तांबे के बर्तन में रखा पानी पीते देखा होगा और लोगों को  कहते भी सुना होगा, कि तांबे के बर्तन में रखा पानी, स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद फायदेमंद होता है। क्या आप जानते हैं, तांबे के बर्तन में रखे पानी का सच ? अगर जानना चाहते हैं, इसके लाभदायक गुणों के बारे में तो जरूर पढ़िए, यह 10 प्रमुख लाभ -
 1  तांबा यानि कॉपर, सीधे तौर पर आपके शरीर में कॉपर की कमी को पूरा करता है और बीमारी पैदा करने वाले जीवाणुओं से आपकी रक्षा कर आपको पूरी तरह से स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है।

2  तांबे के बर्तन में रखा पानी पूरी तरह से शुद्ध माना जाता है। यह सभी प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म कर देता है, जो डायरिया, पीलिया, डिसेंट्री और अन्य प्रकार की बीमारियों को पैदा करते हैं।

3  तांबे में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होने के कारण शरीर में दर्द, ऐंठन और सूजन की समस्या नहीं होती। ऑर्थराइटिस की समस्या से निपटने में भी तांबे का पानी अत्यधि‍क फायदेमंद होता है।

4  इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट कैंसर से लड़ने की क्षमता में वृद्धि‍ करते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार तांबे कैंसर की शुरुआत को रोकने में मदद करता है और इसमें कैंसर विरोधी तत्व मौजूद होते है।

5  पेट की सभी प्रकार की समस्याओं में तांबे का पानी बेहद फायदेमंद होता है। प्रतिदिन इसका प्रयोग करने से पेट दर्द, गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी परेशानियों से निजात मिल सकती है।

6  शरीर की आंतरिक सफाई के लिए तांबे का पानी कारगर होता है। इसके अलावा यह लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है और किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से निपटने में तांबे के बर्तन में रखा पानी लाभप्रद होता है।

7  तांबा अपने एंटी-बैक्‍टीरियल, एंटीवायरल और एंटी इंफ्लेमेट्री गुणों के लिए भी जाना जाता है। यह शरीर के आंतरिक व बाह्य घावों को जल्‍दी भरने के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है।

8  तांबे में भरपूर मात्रा में मौजूद मिनरल्स थॉयराइड की समस्या को दूर करने में सहायक होते हैं। थॉयराइड ग्रंथि‍ के सही क्रियान्वयन के लिए तांबा बेहद उपयोगी है।

9  तांबे में उपस्थि‍त एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व असमय बढ़ती उम्र के निशान को कम कर आपको जवां बनाए रखता है। इसके अलावा यह फ्री रैडिकल में भी लाभदायक है, जो त्वचा को झुर्रियों, बारीक लाइनों और दाग-धब्बों से बचाकर स्वस्थ और जवां बनाए रखता है।

10  एनीमिया की समस्या होने पर तांबे में रखा पानी काफी लाभदायक होता है। यह भोज्य पदार्थों से आयरन को आसानी से सोख लेता है। जो एनीमिया से निपटने के लिए बेहद जरूरी है।

11  तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से त्वचा पर किसी प्रकार की समस्याएं नहीं होती। यह फोड़े, फुंसी, मुंहासे और त्वचा संबंधी अन्य रोगों को पनपने नहीं देता जिससे आपकी त्वचा साफ और चमकदार दिखाई देती है।

12  त्वचा को अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाने के लिए मेलानिन के निर्माण में तांबा अहम भूमिका निभाता है। मेलानिन त्वचा, आंखों एवं बालों के रंग के लिए जिम्मेदार तत्व होता है।

13  तांबे का पानी पाचनतंत्र को मजबूत कर बेहतर पाचन में सहायता करता है। रात के वक्त तांबे के बर्तन में पानी रखकर सुबह पीने से पाचन क्रिया दुरूस्त होती है। इसके अलावा यह अतिरिक्त वसा को कम करने में भी बेहद मदददगार साबित होता है।

14  दिल को स्वस्थ बनाए रखकर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर यह बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इसके अलावा यह हार्ट अटैक के खतरे को भी कम करता है। यह वात, पित्त और कफ की शिकायत को दूर करने में मदद करता है।

15  एनीमिया की समस्या होने पर तांबे में रखा पानी काफी लाभदायक होता है। यह भोज्य पदार्थों से आयरन को आसानी से सोख लेता है। जो एनीमिया से निपटने के लिए बेहद जरूरी है।

16  मस्तिष्क को उत्तेजित कर उसे सक्रिय बनाए रखने में तांबे का पानी बहुत सहायक होता है। इसके प्रयोग से स्मरणशक्ति मजबूत होती है, और दिमाग तेज होता है।

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स्ट्रेच मार्कस हटाने का बैस्ट होम रीमेडी उपाय- Best Home remedies for Stretch Markus removal



सामग्री

2 निंबू के छिलके
1 कटोरी पानी
आधा चम्मच ग्लिसरीन
1 कैप्सूल विटामीन E

*विधि*

1 कटोरी पानी मे निंबू के छिलके डाले स्लोगैस पर तब तक पकाये जब तक पानी 3 चम्मच  नही रह जाये
फिर इसमे ग्लिसरीन मीलाये
1 कैप्सूल विटामीन E का
5 मीनट मसाज  करे फुल नाइट रहने  दे
बचे मिश्र्रण को फ्रीज मे रख सकती है

*स्टरेच माक्स का इलाज पैट्रोलीयम जैली से*

*सामग्री*

1 चम्मच  जैली
1 चम्मच  एलोवेरा जैल
2 कैप्सूल विटामिन E
(400mg)

*विधि*

सभी कै मीला ले
बनाकर ये  फ्रीज मे रख सकते है करीब 10 दिन तक 5 मीनट मसाज  करे फुल नाइट रखे जीससै अच्छा  से वर्क करे रीमेडी

*स्ट्रेच मार्क्स ट्रीटमेंट करें शिया बटर से* -

*सामग्री*

शिया बटर।

*विधि*

सबसे पहले शिया बटर लें।
अब उसे अपने प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं।
लगाने के बाद इसे ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।

*शिया बटर को इस्तेमाल कैसे करें*

पूरे दिन में कई बार इस प्रक्रिया को दोहराने की कोशिश करें।

*शिया बटर को इस्तेमाल करने के फायदे*

त्वचा पर मॉइस्चराइज़िंग के अलावा, शिया बटर में एन्टिओक्सीडेंट और सूजनरोधी गुण भी मौजूद होते हैं। इस उपाय को रोज़ाना इस्तेमाल करने से त्वचा स्वस्थ होगी और खराब हुई कोशिकाएं ठीक होंगी।

*स्ट्रेच मार्क्स को हटाने का उपाय है एलो वेरा जेल*

*सामग्री*

ताज़ा एलो वेरा जेल।
पांच विटामिन ए कैप्सूल्स।
10 विटामिन ई कैप्सूल्स।

*विधि*

सबसे पहले एलो वेरा से उसका जेल निकाल लें और अब जेल में विटामिन ए और विटामिन ई के कैप्सूल्स में मौजूद तेल को भी मिलाएं।
अब इस मिश्रण को अच्छे से मिला दें और अब इसे त्वचा पर लगाएं।
लगाने के बाद अच्छे से मसाज करें और तब तक करें जब तक ये मिश्रण अच्छे से अवशोषित न हो जाए।
त्वचा को पानी से न धोएं।
आप सिर्फ एलो वेरा जेल को भी त्वचा पर लगा सकते हैं। 15 मिनट के लिए जेल को त्वचा पर ऐसे ही लगा हुआ रहने दें और फिर त्वचा को गुनगुने पानी से धो दें।

*एलो वेरा जेल को इस्तेमाल कैसे करें*

इस उपाय को पूरे दिन में एक या दो बार दोहराएं और तब तक दोहराएं जब तक स्ट्रेच मार्क्स पूरी तरह से चले ना जाएँ।

*एलो वेरा जेल को इस्तेमाल करने के फायदे*

एलो वेरा जेल शरीर के लिए बहुत ही बेहतरीन जड़ी बूटी है, खासकर त्वचा के लिए। ये त्वचा को आराम देता है और इलाज करने की प्रक्रिया में तेज़ी लाता है।

*विक्स वेपोरब से करें स्ट्रेच मार्क्स हटाने के घरेलू नुस्खे* -

*सामग्र*

विक्स वेपोरब।
क्लिंग रेप।

*विधि*

सबसे पहले थोड़ी मात्रा में उँगलियों पर विक्स वेपोरब लें।
फिर इसे प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं और लगाने के बाद एक या दो मिनट तक मसाज करें।
फिर उस क्षेत्र को क्लिंग रेप की मदद से ढक दें और रातभर के लिए उसे ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।

*विक्स वेपोरब को इस्तेमाल कैसे करें*

इस उपाय को हर रात को दोहराएं जब तक स्ट्रेच मार्क्स चले नहीं जाते।

*विक्स वेपोरब को इस्तेमाल करने के फायदे*

विक्स वेपोरब आवश्यक तेल से बना होता है जैसे नीलगिरी तेल, तारपीन तेल और सीडर (cedar) की पत्तियों के तेल से। इसमें कपूर और पेट्रोलाट्म (petrolatum) भी मिला होता है। ये सभी त्वचा को मॉइश्चराइज़ करने में मदद करते हैं और उन्हें मुलायम बनाते हैं। लेकिन अभी तक इस उपाय को इस्तेमाल करने का कोई वैज्ञानिक तथ्य पता नहीं चल पाया है। पर तब भी महिलाओं को इसके इस्तेमाल से 60% से 80% तक फर्क देखने को मिलेगा है।

*स्ट्रेच मार्क्स दूर करने का उपाय है अरंडी का तेल*

*सामग्री*

अरंडी का तेल।

*विधि*

सबसे पहले अरंडी के तेल को गर्म कर लें।
फिर इस तेल से स्ट्रेच मार्क्स पर 15 से 20 मिनट तक मसाज करें।

*अरंडी का तेल को इस्तेमाल कैसे करें* –

इस प्रक्रिया को रोज़ाना रात को सोने से पहले दोहराएं।

*अरंडी का तेल को इस्तेमाल करने के फायदे*

अरंडी का तेल त्वचा की बीमारियाँ और झड़ते बालों का इलाज तेज़ी से करता है। इसमें रिसिनोलिक एसिड होता है, जो कि त्वचा को कंडीशनिंग करता है और स्ट्रेच मार्क्स का इलाज करता है

 *विटामिन ई तेल से स्ट्रेच मार्क्स को हटायें*

*सामग्री*

विटामिन ई के कैप्सूल्स।

*विधि*

सबसे पहले कैप्सूल्स को काट लें जिससे उसके अंदर का तेल निकल आये।
अब इस तेल को स्ट्रेच मार्क्स पर लगाएं और कुछ मिनट तक मसाज करें।
मसाज करने के बाद इसे ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
इसके अलावा आप रोज़ाना विटामिन ई के कैप्सूल्स भी खा सकते हैं।

*विटामिन ई तेल को इस्तेमाल कैसे करें*

इस उपाय को पूरे दिन में एक या दो बार दोहराएं।

*विटामिन ई तेल को इस्तेमाल करने के फायदे*

विटामिन ई को आमतौर पर क्रीम और लोशन में इस्तेमाल किया जाता है जिससे दाग और स्किन एजिंग से बचा जा सके। इसके सूजनरोधी और एन्टिओक्सीडेंट गुण त्वचा को पोषण देते हैं, उन्हें स्वस्थ बनाते हैं साथ ही दाग और स्ट्रेच मार्क्स का इलाज करने की प्रक्रिया में भी मदद मदद करते हैं। ये सूरज की किरणों से भी आपको सुरक्षित रखता है।

* *स्ट्रेच मार्क्स को हटाने के उपाय में करें जैतून तेल का उपयोग*

*सामग्री*

जैतून का तेल। )

*विधि*

सबसे पहले तेल को गर्म कर लें।
फिर तेल को प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं और लगाने के बाद कुछ मिनट तक मसाज करें।
मसाज के बाद तेल को त्वचा पर ऐसे ही लगा हुआ रहने दें।

*जैतून के तेल को इस्तेमाल कैसे करें*

इस प्रक्रिया को पूरे दिन में दो बार दोहराएं।

*जैतून के तेल को इस्तेमाल करने के फायदे*

जैतून का तेल पोषक तत्वों, विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से समृद्ध होता है। ये त्वचा के लिए बेहद स्वस्थ होता है और त्वचा सम्बन्धी समस्याओं का इलाज करने में मदद करता है, जैसे स्ट्रेच मार्क्स। इसके सूजनरोधी गुण भी स्ट्रेच मार्क्स के लिए बहुत लाभदायक हैं।

*स्ट्रेच मार्क्स हटाने के घरेलू नुस्खे हैं बादाम का तेल*

*सामग्री*

एक या दो चम्मच बादाम का तेल।
कुछ बूँदें आवश्यक तेल की।

*विधि*

सबसे पहले बादाम के तेल में अपने पसंदीदा आवश्यक तेल को मिलाएं।
अच्छे से मिश्रण को मिलाने के बाद इसे कुछ सेकेण्ड के लिए गर्म होने को रख दें।
गर्म होने के बाद मिश्रण को स्ट्रेच मार्क्स पर लगा लें।
इसके बाद कुछ मिनट तक मसाज करें और सूखने के लिए ऐसे ही छोड़ दें।

*बादाम के तेल को इस्तेमाल कैसे करें*–

इस प्रक्रिया को पूरे दिन में दो बार दोहराएं।

*बादाम के तेल को इस्तेमाल करने के फायदे*

बादाम के तेल में विटामिन ई और अन्य आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो त्वचा को पोषित करते हैं और उसका तेज़ी से इलाज करते हैं। ये साबित हो चूका है कि ये मिश्रण दाग को दूर करता है, त्वचा को मुलायम बनाता है और रंगत को सुधारता है।

 *स्ट्रेच मार्क्स हटाने का तरीका है बेबी तेल*-

*सामग्री*

बेबी ऑयल।

*विधि*

गर्म पानी से नहाने के बाद अपनी त्वचा को अच्छे से सूखा लें और फिर प्रभावित क्षेत्र पर बेबी तेल को लगाएं।
लगाने के बाद त्वचा पर मसाज करें जिससे तेल अच्छे से अवशोषित हो जाए।
फिर प्राकृतिक तरीके से तेल को सूखने दें।
बेबी तेल को इस्तेमाल कैसे करें –

इस तेल का इस्तेमाल रोज़ाना नहाने के बाद करें।

*बेबी तेल को इस्तेमाल करने के फायदे*

बेबी तेल में कई पोषक तत्व होते हैं जो त्वचा को पोषण देते हैं और उन्हें कोमल और मुलायम बनाते हैं। ये भविष्य में होने वाले स्ट्रेच मार्क्स से बचाता है।

*स्ट्रेच मार्क्स हटाने का नुस्खा है बेकिंग सोडा*-

*सामग्री*

एक चम्मच बेकिंग सोडा।
एक नींबू का जूस।
क्लिंग रेप।

*विधि*

सबसे पहले बेकिंग सोडा को नींबू के जूस के साथ मिला दें जिससे कि एक पेस्ट तैयार हो सके।
अब इस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं और फिर क्लिंग रेप से उस क्षेत्र को ढक दें।
20 से 30 मिनट के लिए इसे ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
अब रेप को हटा लें और फिर उस क्षेत्र को गर्म पानी से साफ़ कर लें।

 *टी ट्री तेल से करें पेट के निशान हटाने के उपाय*

*सामग्री*

चार से पांच बूँद टी ट्री तेल की।
एक या आधा चम्मच जैतून का तेल या नारियल का तेल।

*विधि*

सबसे पहले दोनों मिश्रण को एक साथ मिला लें।
अब इस मिश्रण को स्ट्रेच मार्क्स पर लगाने के बाद मसाज करें।
तब तक अच्छे से मसाज करें जब तक त्वचा पर ये मिश्रण अवशोषित न हो जाये।
फिर इसे ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
टी ट्री तेल को इस्तेमाल कैसे करें –

इस उपाय को पूरे दिन में दो बार दोहराएं।

*टी ट्री तेल को इस्तेमाल करने के फायदे*

टी ट्री तेल के लाभ तो कई हैं। लेकिन ज़्यादातर लोग ये नहीं जानते कि ट्री तेल के इस्तेमाल से स्ट्रेच मार्क्स और दाग गायब हो जाते हैं। इसमें सूजनरोधी गुण पाए जाते हैं जो इस समस्या का इलाज करने में प्रभावी है।

*स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पाने के लिए है आर्गन तेल लाभदायक*-

*सामग्री*

ऑर्गन तेल।

*विधि*

इस तेल को हाथों में लेकर स्ट्रेच मार्क्स पर लगाएं।
लगाने के बाद कुछ मिनट तक मसाज करें।
फिर त्वचा को पानी से न धोएं या पोछे नहीं।

*आर्गन तेल को इस्तेमाल कैसे करें*–

स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पाने के लिए इस उपाय को पूरे दिन में दो बार दोहराएं।

आर्गन तेल को इस्तेमाल करने के फायदे –

ऑर्गन तेल को ज़्यादातर कॉस्मेटिक उत्पादों में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और ये विटामिन ई से समृद्ध होता है। ये त्वचा को पोषित करता है और इसका इलाज करने में मदद करता है। इसी के साथ ये दाग और स्ट्रेच मार्क्स को भी कम करता है।

 *नींबू से करें स्ट्रेच मार्क्स हटाने के घरेलू उपाय*

*सामग्री*

एक या दो चम्मच ताज़ा नींबू का जूस।

*विधि*

सबसे पहले नींबू के जूस को स्ट्रेच मार्क्स पर लगाएं।
दस मिनट तक इसे लगाकर ऐसे ही मसाज करते रहें और तब तक करें जब तक नींबू का जूस अवशोषित न हो जाए।
फिर गर्म पानी से त्वचा को धो लें।
इसके बाद त्वचा पर मॉइस्चराइज़र लगाएं।
इसके अलावा आप एक चम्मच नींबू के जूस में में एक या दो चम्मच बेसन मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर सकते हैं। और फिर उस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र पर लगा लें। दस मिनट तक उसे ऐसे ही सूखने दें और फिर गर्म पानी से त्वचा को धो लें।

*नींबू को इस्तेमाल कैसे करें* –

इस उपाय को पूरे दिन में एक या दो बार दोहराएं।

नींबू को इस्तेमाल करने के फायदे –

नींबू का जूस स्ट्रेच मार्क्स को कम करने का एक और प्रभावी उपाय है। नींबू का जूस प्राकृतिक रूप से एसिडिक है, जो कि स्ट्रेच मार्क्स, मुहांसो के दाग और अन्य दाग का इलाज करने में और उसे दूर करने में मदद करता है।

*पेट के निशान मिटाने के उपाय में करें सेब के सिरके का उपयोग* -

*सामग्री*

एक कप सेब का सिरका।
एक स्प्रे बोतल।

*विधि*

सबसे पहले स्प्रे बोतल में सेब के सिरके को दाल दें।
फिर रात को सोने से पहले स्ट्रेच मार्क्स पर उस बोतल को स्प्रे करें।
फिर सूखने के लिए उसे ऐसे ही छोड़ दें।
अब अगली सुबह अच्छे से त्वचा को साफ़ कर लें इसके बाद मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करें।

*सेब के सिरके को इस्तेमाल कैसे करें*–

इस प्रक्रिया को रात को सोने से पहले दोहराएं।

सेब के सिरके को इस्तेमाल करने के फायदे –

सेब का सिरका एसिटिक और मलिक एसिड (malic acid) से समृद्ध होता है जो दाग को कम करने में मदद करता है।

*स्ट्रेच मार्क्स को हटायें हल्दी से* -

*सामग्र*

एक चम्मच हल्दी पाउडर।
एक चम्मच ताज़ा क्रीम या दही।

*विधि*

सबसे पहले हल्दी को क्रीम या दही के साथ मिला दें जिससे कि एक पेस्ट तैयार हो सके।
अब इस पेस्ट को स्ट्रेच मार्क्स पर लगाएं और 10 से 15 मिनट के लिए इसके सूखने का इंतज़ार करें।
फिर त्वचा को गर्म पानी से धो लें और फिर मॉइस्चराइज़र लगा लें।
हल्दी को इस्तेमाल कैसे करें –

स्ट्रेच मार्क्स को खत्म करने के लिए इस पेस्ट को पूरे दिन में दो बार दोहराएं।

*हल्दी को इस्तेमाल करने के फायदे*

स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा दिलाने में हल्दी बहुत ही अच्छा तरीका है। हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट, सूजनरोधी और त्वचा को निखारने के गुण मौजूद होते हैं। रोज़ाना हल्दी के इस्तेमाल से आपको कुछ ही हफ्तों में फर्क दिखाई देने लगेगा।

स्ट्रेच मार्क्स कम करने के उपाय करें जोजोबा तेल से

*सामग्री*

शुद्ध जोजोबा तेल

*विधि*

सबसे पहले जोजोबा तेल की कुछ बूँदें लें और फिर उसे स्ट्रेच मार्क्स पर लगा लें।
अब कुछ मिनट तक मसाज करें और फिर मसाज के बाद तेल को त्वचा पर ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
जोजोबा तेल को इस्तेमाल कैसे करें –

इस तेल को पूरे दिन में दो या तीन बार दोहराएं।

*जोजोबा तेल को इस्तेमाल करने के फायदे*

जोजोबा तेल में सूजनरोधी और त्वचा का इलाज करने के गुण मौजूद होते हैं। जब आपको स्ट्रेच मार्क्स दिखाई देने शुरू हो जाएँ तो तभी इस तेल का इस्तेमाल करना शुरू कर दें। इससे स्ट्रेच मार्कस को रोकने में मदद मिलेगी। ये त्वचा को पोषित करता है और उसका इलाज करता है

*चीनी के साथ एक्स्फोलियेट करें*: चीनी एक नेचुरल एक्स्फोलियेंट होती है अर्थात् यह ऐसा पदार्थ है जो आपकी स्किन को पुनर्जीवित करने के लिए डेड सेल्स को रगड़कर दूर कर देता है |

दानेदार चीनी से एक रब (rub) बनायें:
कुछ बूँद बादाम के तेल और नीम्बू के रस के साथ एक बड़ी चम्मच चीनी मिलाएं और अच्छी तरह से हिलाएं |
इसे सीधे अपने स्ट्रेच मार्क्स पर लगायें, और इस मिश्रण को 8 से 10 मिनट तक स्किन पर मलें |
अब इसे धोकर साफ़ कर लें |
बेहतर परिणाम के लिए, एक महीने तक हर बार शावर लेने से पहले इसे आजमायें |

*आलू का रस लगायें*

चूँकि आमतौर पर हम सोचते ही नहीं है कि आलू से रस भी निकला जा सकता है लेकिन कच्चे आलू को काटने पर मिलने वाली नमी में महत्वपूर्ण विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं | ये पोषक तत्व आपकी स्किन सेल्स की वृद्धि और मरम्मत को बढाते हैं |
एक मध्यम आकार के आलू को मोटे टुकड़ों में काटें |
इनमे से एक टुकड़े को अपने स्ट्रेच मार्क्स पर थोड़ी देर तक मलें और आलू के “रस” की एक परत स्ट्रेच मार्क्स पर चड़ने दें |
अब रस को हवा में सूखने दें |
गुनगुने पानी से स्किन को धो लें |

*नीम्बू का रस लगायें*: नीम्बू के रस में पाया जाने वाला एसिड स्किन की झाइयों को कम करने में मदद करता है | एक नीम्बू को आधा काटें और इसके कटे हुए हिस्से को अपने स्ट्रेच मार्क्स के ऊपर धीरे-धीरे मलें | इस रस को अपनी स्किन पर 10 मिनट के लिए सेट होने दें और फिर पानी से धो लें

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त्वचा को जवां रखने के लिए रोज सोने से पहले करें ये 5 काम - To keep the skin tender, do 5 work before sleeping



हर रात सोने से पहले क्या आप अपनी त्वचा को गुड-नाइट कहती हैं? अगर नहीं, तो अब भी वक्त है, इसे अपनी आदत में शुमार कर लीजिए...

आमतौर पर हम सभी दिनभर तो अपनी त्वचा की देखभाल कर लेते हैं लेकिन रात को उसे अनदेखा करके सो जाते हैं. पर विशेषज्ञों की मानें तो रात के समय त्वचा की अनदेखी करना खतरनाक हो सकता है. कुछ छोटे से उपाय है जिन्हें सोने से पहले करके आप निखरी-जवान त्वचा पा सकती हैं.....

1. भले ही आप कितनी भी थकी हुई क्यों न हों लेकिन बिना मेकअप उतारे सोने मत जाएं. बिना मेकअप उतारे सोने से आपकी त्वचा पर रसायनिक प्रभाव पड़ेगा और आपकी त्वचा पर मौजूद सूक्ष्म रंध्र बंद हो जाएंगे. त्वचा का सांस लेते रहना बहुत जरूरी है और रंध्रों के बंद हो जाने से त्वचा की चमक फीकी पड़ने लग जाती है.

2. अगर आपको फेशियल कराए काफी समय हो चुका है और आपकी त्वचा बेजान नजर आने लगी है तो रोज रात को अपने हाथों से चेहरे की अच्छी तरह मसाज करें. ऐसा करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और त्वचा में निखार आता है. फेशियल के लिए नेचुरल चीजों का इस्तेमाल करना ज्यादा कारगर साबित होगा.

3. सोने से पहले हल्के गुनगुने पानी से नहाना आपको राहत देने का काम करेगा. अगर आप इसी पानी में कुछ मात्रा में नमक मिला सकें तो और अच्छा रहेगा. नमक में मौजूद तत्वों के चलते संक्रमण होने की आशंका कम हो जाती है.

4. अगर आप चाहती हैं कि आपके बाल लंबे हों तो रोज रात को सोने से पहले कंघी करके सोएं. इससे बालों का झड़ना भी कम हो जाएगा. दरअसल, बालों में कंघी करने से ब्लड सर्कुलेशन बूस्ट होता है और जड़ें मजबूत होती हैं.
5. दिनभर की थकान हमारी आंखों को भी बोझिल कर देती है. ऐसे में बेहतर होगा कि आप अपनी आंखों को अच्छी तरह से पानी से धोएं और उसके बाद ही सोने जाएं. ऐसा करने से डार्क सर्कल होने की अाशंका कम हो जाएगी.

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कैसे एलोवेरा जेल (Aloe Vera Gel) बनायें- How to Make Aloe Vera Gel



ऐलोवेरा जिसे ग्वारपाठा और घृतकुमारी के नाम से भी जाना जाता है, का जेल एक प्रसिद्ध और श्रेष्ठ प्राकृतिक चिकित्सक है। उसे सनबर्न (sunburn) का उपचार करने, त्वचा को चिकना बनाने और दाह या जलन को शांत करने के लिए उपयोग कर सकते हैं। जेल बनाने के लिए आपको सिर्फ एक स्वस्थ ऐलोवेरा पौधे की आवश्यकता है। आप उसमें कुछ चीजें मिलाकर उसे ज्यादा समय के लिए रख सकते हैं।

*सामग्री*

ऐलोवेरा की पत्ती
इच्छानुसार: 500mg विटामिन C पाउडर या 400 IU विटामिन E (हर 1/4 प्याला जेल के लिए)

अपने हाथ धोएं: साफ हाथ और साफ चीजों का उपयोग करना जरुरी है ताकि जेल दूषित न हो।

ऐलोवेरा के पौधे की एक बाहर की पत्ती काटें: बाहर की पत्तियाँ ज्यादा पकी होती हैं। उनमें बहुत सारा ताज़ा, स्वास्थ्यकर जेल होता है। पौधे के बाहर जमीन के पास उगने वाली पत्तियों को देखें। उनमें से एक को, एक तेज़ चाकू से सफाई से, नीचे के हिस्से के पास काटें।
ऐलोवेरा जेल ज्यादा दिन नहीं चलता है। इसलिए एक बार में ज्यादा मात्रा में न बनायें। अगर आप लोगों को बाँटने के लिए बना रहें हैं तो अलग बात है। एक या दो काफी बड़ी पत्तियों को काटकर आप करीब 1/2 से 1 प्याला जेल बना सकते हैं।
अगर आपका तरुण पौधा है तो एक बार में ज्यादा न काटें। बाहर की सब पत्तियों को काटने से पौधा खराब हो सकता है।

राल या रेज़िन (resin) को 10 मिनट बहने दें: पत्तियों को एक प्याले पर सीधा रखें ताकि गहरे पीले रंग का रेज़िन बह जाये। रेज़िन में लैटेक्स (latex) होता है जिससे त्वचा में जलन हो सकती है। उसे निकाल देना अच्छा है ताकि वह आपके जेल में न जाये।

पत्तियों को छीलें: सब्जी छीलने के चाकू से संभालकर पत्तियों का हरा हिस्सा छीलें। [१] अंदर की सफेद परत जरुर से हटायें। हर पत्ती के एक ओर का छिलका पूरी तरह हटायें ताकि आपके पास डोंगी के आकार की, जेल से भरी हुई आधी पत्ती रह जाये।
अगर आपकी पत्तियाँ बड़ी हैं तो छीलने से पहले उन्हें छोटे टुकड़ों में काट लेना अच्छा है।
छीलकर छिलके को हटाते जाएँ ताकि वह आपके जेल में न मिल जाये।

जेल को एक चम्मच से निकालें: पारदर्शी नरम जेल को आसानी से चम्मच से निकाल सकते हैं। पत्ती में से सारा जेल एक साफ कटोरे में निकालें।

गूदे को ब्लेंडर में डालकर तीस सेकंड तक ब्लेंड कर लें |
तैयार जेल को एक हवाबंद/एयरटाइट डिब्बे में पलट लें|
आप जेल में एक प्राकृतिक संरक्षक (preservative) मिला सकते हैं: अगर आपके पास बहुत सारा जेल है और आप उसे एक या दो महीने रखना चाहते हैं, तो हर 1/4 प्याला जेल के लिए 500mg विटामिन C का पाउडर या 400 IU विटामिन E डालें। सब चीजों को एक ब्लेंडर में डालकर अच्छे से ब्लेंड करें। शुरू में जेल झागदार दिखाई देगा।

जेल को एक विसंक्रमित (sterilized), साफ कॉच के जार (jar) में रखें : अगर आपने कोई संरक्षक डाला है तो जेल को आप कई महीनों तक फ्रिज में रख सकते हैं। संरक्षक के बिना वह एक या दो हफ़्तों तक रह सकता है।

जेल का उपयोग करें: उसे सनबर्न या ऊपरी सतह पर जले हुए हिस्सों (surface burns) पर लगायें। ऐलो को एक मॉइस्चराइज़र की तरह और घर में बनाये गए बॉडी प्रोडक्ट्स (body products) में डालने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
ऐलोवेरा जेल को गहरे घाव और छालों पर कभी न लगायें। उसे सिर्फ त्वचा की सतह की जलन के लिए इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि वह गहरे घाव को ठीक से भरने में रोक सकती है।

विटामिन C के पाउडर की जगह आप विटामिन C की गोली को पीस के डाल सकते हैं। नहीं तो ग्रेपफ्रूट एक्सट्रैक्ट (grapefruit extract) की कुछ बूँदें भी अच्छा काम करेंगी।

*सुझाव*

आप एलोवेरा जेल में खुशबू लाने के लिए थोड़ा-सा गुलाब जल भी मिला सकते हैं| सादे एलोवेरा जेल की महक आपको अच्छी नहीं लग सकती है|
सिर्फ त्वचा की जलन या सूजन को कम करने के लिए एलोवेरा जेल का इस्तेमाल किया जाना चाहिए क्योंकि यह गहरे घावों के लिए उपयुक्त नहीं होता है|
गर्भावस्था के दौरान एलोवेरा का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह गर्भाशय को सिकोड़ने का काम करता है|

*चेतावनी*

आप ऐलोवेरा को खा सकते हैं पर ज्यादा न लें, यह एक लैक्ज़ेटिव (laxative) का काम करता है।
अगर आपको लैटेक्स से एलर्जी है तो ऐलोवेरा के साथ काम करते समय ग्लव्स पहनें।

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साधारण छोटे-छोटे प्रयोग जिनको आप अवश्य अपनाए कुछ प्रयोग नीचे दिए गए है जो आपके घर में ही उपलब्ध - The simple small experiments you must follow are some experiments that are available in your home



1- अजवायन का साप्ताहिक प्रयोग :-

सुबह खाली पेट सप्ताह में एक बार एक चाय का चम्मच अजवायन मुँह में रखें और पानी से निगल लें। चबाएँ नहीं। यह सर्दी, खाँसी, जुकाम, बदनदर्द, कमर-दर्द, पेटदर्द, कब्जियत और घुटनों के दर्द से दूर रखेगा। 10 साल से नीचे के बच्चों को आधा चम्मच 2 ग्राम और 10 से ऊपर सभी को एक चम्मच यानी 5 ग्राम लेना चाहिए |

2- मौसमी खाँसी के लिये सेंधा नमक :-

सेंधा नमक की लगभग 5 ग्राम डली को चिमटे से पकड़कर आग पर, गैस पर या तवे पर अच्छी तरह गर्म कर लें।

जब लाल होने लगे तब गर्म डली को तुरंत आधा कप पानी में डुबोकर निकाल लें और नमकीन गर्म पानी को एक ही बार में पी जाएँ।

ऐसा नमकीन पानी सोते समय लगातार दो-तीन दिन पीने से खाँसी, विशेषकर बलगमी खाँसी से आराम मिलता है। नमक की डली को सुखाकर रख लें एक ही डली का बार बार प्रयोग किया जा सकता है।

3- बैठे हुए गले के लिये मुलेठी का चूर्ण :-

मुलेठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है। या सोते समय एक ग्राम मुलेठी के चूर्ण को मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मुँह में रखकर जाएँ। प्रातः काल तक गला साफ हो जायेगा। गले के दर्द और सूजन में भी आराम आ जाता है।

4- मुँह और गले के कष्टों के लिये सौंफ और मिश्री :-

भोजन के बाद दोनों समय आधा चम्मच सौंफ चबाने से मुख की अनेक बीमारियाँ और सूखी खाँसी दूर होती है, बैठी हुई आवाज़ खुल जाती है, गले की खुश्की ठीक होती है और आवाज मधुर हो जाती है।

5- खराश या सूखी खाँसी के लिये अदरक और गुड़ :-

गले में खराश या सूखी खाँसी होने पर पिसी हुई अदरक में गुड़ और घी मिलाकर खाएँ। गुड़ और घी के स्थान पर शहद का प्रयोग भी किया जा सकता है। आराम मिलेगा।

6- पेट में कीड़ों के लिये अजवायन और नमक :-

आधा ग्राम अजवायन चूर्ण में स्वादानुसार काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बच्चों के पेट के कीडे नष्ट होते हैं।

बडों के लिये- चार भाग अजवायन के चूर्ण में एक भाग काला नमक मिलाना चाहिये और दो ग्राम की मात्रा में सोने से पहले गर्म पानी के साथ लेना चाहिये।

7- अरुचि के लिये मुनक्का हरड़ और चीनी :-

भूख न लगती हो तो बराबर मात्रा में मुनक्का (बीज निकाल दें), हरड़ और चीनी को पीसकर चटनी बना लें। इसे पाँच छह ग्राम की मात्रा में (एक छोटा चम्मच), थोड़ा शहद मिला कर खाने से पहले दिन में दो बार चाटें।

8- बदन के दर्द में कपूर और सरसों का तेल :-

10 ग्राम कपूर, 200 ग्राम सरसों का तेल – दोनों को शीशी में भरकर मजबूत ठक्कन लगा दें तथा शीशी धूप में रख दें। जब दोनों वस्तुएँ मिलकर एक रस होकर घुल जाए तब इस तेल की मालिश से नसों का दर्द, पीठ और कमर का दर्द और, माँसपेशियों के दर्द शीघ्र ही ठीक हो जाते हैं।

9- जोड़ों के दर्द के लिये बथुए का रस :-

बथुआ के ताजा पत्तों का रस पन्द्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएँ। नित्य प्रातः खाली पेट लें या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछे दो-दो घंटे कुछ न लें। दो तीन माह तक लें।

10- पेट में वायु-गैस के लिये मट्ठा और अजवायन :-

पेट में वायु बनने की अवस्था में भोजन के बाद 125 ग्राम दही के मट्ठे में दो ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से वायु-गैस मिटती है। एक से दो सप्ताह तक आवश्यकतानुसार दिन के भोजन के पश्चात लें।

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पुराने चर्म रोग जैसे की दाद-खाज, खुजली और सोरायसीस रोगो के खिलाफ आयुर्वेद का पावरफूल योग -Powerful yoga of Ayurveda against old skin diseases such as herpes-scabies, itching and psoriasis diseases



क्यां आप सालो से सोरायसीस से परेशान है ? आैर डॉक्टरने इसको लाइलाज बताकर दवाइ जिन्दगीभर चलाने को बोला है ?

क्यां आप दाद( रींगवोर्म ) की दवाइ लेकर थक चूके है ? रींग वोर्म चला तो जातां है लेकीन फीरसे बन जातां है ?

क्यां आप कीसीभी रुतुमे होने वाले एलर्जी वं चर्म रोग से छूटकारां पानां चाहते है तब यह मेसेज को बिनां पढ़े मत छोडे.

बताया गयां यह नुस्खा बहोत से वैध्य वं डॉक्टर मिञो ने भी उपयोग मे लियां है आैर उनको मिला है 100% समाधान अगर आप उपर दि गइ कीसीभी प्रकार की समस्या से परेशीन है तब यह जरुर आजमाए

चिरायतां                30 ग्राम
गिलोयबैल              30 ग्राम
खदिरछाल              30 ग्राम
गंधक रसायण         20 ग्राम
आरोग्यवर्धीनीवटी    25 ग्राम
कैशोर गुगुल            20 ग्राम
मुलहठी़                  50 ग्राम
निमके पत्ते              50 ग्राम
निम की जड़            30 ग्राम
कुटकी                    20 ग्राम
आंवला                   50 ग्राम
तुलसी पत्ते              30 ग्राम
शतावरजड़             30 ग्राम

आरोग्यवर्धीनी वटी + कैशोर गुगुल + गंधक रसायण को कीसीभी आयुर्वेदिक स्टोर से लाकर वं बाकीकी चिजो को पंसारी की दुकान से लाकर साफ करके कपड़छान चूरन बनाकर मिक्स करके तैयार करले वं कांच की बोटल मे भरदे ।

नियमित सुबह शाम 1-1 चम्मच चूरन खालीपेट सेवन करे । नियमित 3-4 महिनेके सेवन से कीसीभी प्रकार का चर्मरोग जड़ से समाप्त हो जातां है ।

लगाने के लिए सोरायसीस वं एलर्जी या अन्य चर्मरोग पर Atrisor ya psorolin Oinment का उपयोग करे ।

अगर दाद हो तो ट्रायकोडर्म क्रीम या गंधक मल्हम या क्युटीस क्रीम का प्रयोग ब्राह्य लगाने के लिए करे ।

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पूरे शरीरका डीटोक्सीफिकेशन करने वाली चमत्कारी आैषधी - Miraculous gentleman who performs whole body detoxification



हमारा शरीर सबसे अनमोल है आैर उसका खयाल रखनां हमारी जिम्मेदारी है लेकीन नां खानेवाली चिजे लोग खाकर शरीरको कचराका डीब्बा बनां रहे है आैर बहोत से रोगो की चपेटमे आ जाते है | आैर कइ भयंकर रोगो का तो कोइ इलाज ही नही है | इससे पहले हम आपको बता दे की एलोपैथी मे केवल 20% रोगो का ही इलाज है आैर 80% बिमारीयो मे पेइन किलर, विटामिन्स, स्टीरॉइड, प्रोटीन पाउडर या मल्टीविटामिन्स, वगेरह ही दियां जातां है जबकी उनके पास पूराने हो चूके रोगो का कोइ भी सटिक इलाज नही है |.
हमारे पांच हजार पूर्व लिखे गये आयुर्वेदमे सिर्फ रोगो का इलाज ही नही बल्की हमारे शरीरको रोगमुक्त रखने वाले आहार विहार आैषधियां बताइ गइ है जिनके सेवन करने से हमारे शरीरमे रोग ही नही होतां | आज हम बात करते है डीटोक्सीफिकेशन की |

क्यां होतां है डीटोक्सीफिकेशन आैर क्यां है इनके लाभ
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हमारा शरीर सात धातु से बनां है रस,रक्त,मांस,मेद,मज्जा, अस्थि आैर शुक्र यह सात धातु को मिलाकर हमारा शरीर बनतां है आैर यह चिजे हमारे शरीरमे स्वस्थ होनां बेहद जरुरी है | लेकीन आजकल विरुध्द आहार आैर खानपान के कारन हमारे सुक्ष्म सेल्स मतलब कोशिका मे जहर मिलतां जातां है आैर हमारी कोशिकाए खराब होती है | आैर यह खराब कोशिकासे हम रोगो की चपेटमे आते है आैर कोइ भी अंग या हमारा रक्त खराब होतां है जबकी डिटोक्सीफिकेशन से हम इन कचराको निकालकर हम रोगो को होने से ही रोक सकते है |

पूरे शरीरको डीटोक्सीफाइ करने वाला रामबाण नुस्खा
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 शहद 1 चम्मच
 नींबू का रस 1 चम्मच
 हल्दी 1 चम्मच
 अदरक का रस 1 चम्मच

उपर दी गइ चिजो को मिला दिजिए आैर मिक्स करके सुबह शाम २-२ चम्मच लिजिए इन चिजो के सेवन के बाद थोडासा ही पानी का सेवन करे वह भी गुनगुनां पानी ही सेवन करे आैर यह चिजो को केवल 15 दिन करने से हमारा पूरां शरीर रोग मुक्त होतां है आैर अगर आप कीसीभी रोग के शिकार है तो यह चिजो का सेवन केवल २ महिने तक करने से आप शर्दी-जुकाम से लेकर केन्सर तक के रोगो मे बहेतरीन रीजल्ट पा सकत है |

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दुबली पतली लड़कियों के लिए वजन बढ़ाने के आसान घरेलू उपाय



आजकल की लाइफ स्टाइल कुछ ऐसी हो चली है की हम खुद पर बिलकुल भी ध्यान नही देते और उसका खामियाजा हमारे शरीर को भुगतना पड़ता है । जा के समय में लोग या तो मोटे नज़र आते हैं या बहुत ही पतले । लड़के यदि पतले हों भी तो कुछ खासा फर्क नही पड़ता पर यदि लड़कियां बहुत ज्यादा पतली हो जाती है तो उनके लुक्स और पर्सनलिटी पर बहुत फर्क पड़ता है इतना ही नही उनको कोई पसंद भी कुछ खास  नहीं करना शादी में  भी परेशानी आती है और उनको खुद को भी काफी कुछ सुनना पड़ता है ।

आज हम बात कर रहे हैं उन लड़कियों के बारे में जो बहुत ही पतली होती है और उबका वजन ना बढ़ना उनकी सबसे बड़ी परेशानी होती है । हर कोई उनको यह सलाह देदेता है की बेटा कुछ खाया करो पर कोई ये तो बताता ही नही है की खाएं क्या ? किस चीज़ से वजन बढ़ेगा और अगर बताएगा भी ऐसी ऊटपटाँग चीज़ें जिंका कोई मतलब ही नही बनता । कुछ कुछ तो ऐसे भी लोग होते हैं जो बाबा जी की जड़ी बूटी इसका उपाय बता देते हैं पर ऐसा कुछ नही है और यह सब कुछ खाना भी नही चाहिए । आज के अंक में हम आपको बताने जा रहे हैं की आपको किस चीज़ का सेवन करना चाहिए । क्या आपकी सेहत को अच्छा बना सकता है ? तो डॉक्टर की दावा और बाबा जी का चमत्कारी प्रसाद छोड़ कर आप इनको ट्राय करिए यह आपको अच्छी सेहत और अच्छा शरीर दोनों देगा । आइये जानते हैं वह क्या है ?

लड़कियों को मोटा होने अच्छा शरीर पाने के लिए इन चीजों का सेवन करना चाहिए :-

प्रोटीन वाला अनाज और अंकुरित अनाज का सेवन करना चाहिए । इतना ही नही थोड़ी वर्जिश भी साथ में जरूरी है । वह आपकी मांसपेशियों के विकास के लिए बहुत जरूरी है ।

जौ रात को मुट्ठी भर जौ के दानों को भिगोकर रख दें सुबह इसके छिलके निकाल कर उसकी खीर बनाए और  खाएं ।

2 खजूर , 10-12 बादाम , को पीस कर , दूध में मिश्री और बटर के साथ मिला कर इसका सेवन करने से भी आपको बहुत जल्द और बहुत अच्छा फायदा होगा ।

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गुर्दे की वं मुञाशय की पथरी के कुछ अनुभूत प्रयोग


पहाडी कुलथी आैर शुद्ध शिलाजीत दोनो 1-1 ग्राम सेवन करके  उपर से 250 मिली दूध पीये इससे पथरी पिधलकर निकल जाती है |

सुखे आंवला का चूरन बनाकर मुली के छोटे टुकडे करके उसपर यह पाउडर को लगाकर नियमित सुबह शाम खालीपेट सेवन करे जिससे १० दिनो मे पथरी निकल जाती है |

सफेद प्याज का रस २० मिली + २ ग्राम यवक्षार मिक्स करके सुबह खालीपेट १० दिनों तक सेवन करने से पथरी टुकडे होकर निकल जाती है |

गोखरु २ ग्राम + पाषाणभेद २ ग्राम  + यवक्षार १ ग्राम लेकर सुबह खालीपेट 1 महिनां सेवन करने से पथरी टुकडे होकर निकल जाती है |

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बाई करवट लेटने के लाभ


शरीर के लिए सोना बेहद जरूरी होता है। अच्छी सेहत के लिए शरीर को आराम देना कई तरह की बीमारियों से बचाता है। सोते समय हम कई बार करवट बदलकर सोते हैं जिसका हमारे शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। किसी भी इंसान के लिए एक तरफ करवट लेकर सोए रहना नामुमकिन है। लेकिन क्या आपको पता है बांए ओर करवट लेने से आपको कई तरह के फायदे मिल सकते हैं।

बांए ओर करवट लेकर सोने के फायदे
आयुर्वेद में शरीर को बीमारियों से बचाने के लिए बाएं ओर करवट लेकर सोने के बारे में बताया गया है। जिसे आज के वैज्ञानिकों ने शोध के आधार पर इसे माना है।

शोध के अनुसार बाएं ओर करवट बदलकर सोने से पेट फूलने की समस्या, दिल के रोग, पेट की खराबी और थकान जैसी समस्याएं दूर होती हैं। यदि आप बाएं की जगह दाएं तरफ करवट लेकर सोते हैं तो इससे शरीर से टाक्सिन सही तरह से निकल नहीं पाते हैं और दिल पर जोर ज्यादा पड़ता है साथ ही पेट की बीमारी भी लगने लगती हैं। कई बार तो हार्ट रेट भी बढ़ सकता है।

सीधे लेटे रहने से भी इंसान को ठीक तरह से सांस लेने में परेशानी होती है। ज्यादातर वे लोग जिन्हें दमा या अस्थमा और स्लीप एपनिा की दिक्कत हो। उनको रात में सीधा नहीं लेटना चाहिए। इसलिए बांए ओर करवट लेकर सोने की आदत डालनी चाहिए।

किडनियां और लीवर के लिए

बाएं ओर करवट बदलकर सोने से लीवर और किडनियां ठीक तरह से काम करती हैं। शरीर से गंदगी को साफ करने में लीवर और किड़नी बेहद अहम भूमिका निभाती हैं इसलिए इन पर ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहिए।

पाचन में सुधार

शरीर तभी ठीक रहता है जब आपका पाचन तंत्र ठीक हो। एैसे में बाएं तरफ करवट लेने से आपके पाचन तंत्र को फायदा मिलता है। और खाया हुआ खाना भी आसानी से पेट तक पहुंचता है जो ठीक से हजम भी हो जाता है। इसके अलावा एक ओर फायादा यह है कि बदहजमी की दिक्कत भी दूर हो जाती है।

खतरनाक बीमारियों से बचाव

बाएं ओर करवट लेने से शरीर पर जमा हुआ टाक्सिन धीरे-धीरे निकलने लगता है और इस वजह से शरीर को लगने वाली खतरनाक बीमारियां नहीं होती हैं।

एसिडिटी में फायदा

सीने में जलन और एसिडिटी की समस्या को दूर करता है बायीं ओर करवट लेकर सोना। क्योंकि इस तरीके से पेट में मौजूद एसिड उपर की जगह से नीचे आने लगता है जिस वजह से सीने की जलन और एसिडिटी की परेशानी में फायदा मिलता है।

पेट को आराम

बांए ओर सोने से पेट को आराम मिलता है। क्योंकि इस पोजिशन में सोने से भोजन छोटी आंत से बड़ी आंत तक आसानी से पहुंच जाता है जिस वजह से सुबह आपका पेट खुलकर साफ होता है।

दिल की परेशानी में

बाएं ओर करवट बदलकर सोने से दिल से संबंधित परेशानियां दूर होती हैं क्योंकि इस अवस्था में सोने से दिल तक खून की पूर्ती बेहद अच्छे तरह से होती है जिसकी वजह से आक्सीजन और खून की सप्लाई आराम से दिमाग और शरीर तक पहुंचती है जो इंसान को दिल की बीमारी यानि कि हार्ट अटैक जैसे गंभीर रोग से बचा सकती है।

गलत तरीकों से सोना कई बीमारियों जैसे सिर दर्द, पीठदर्द, माइग्रेन, थकान व दर्द को न्योता देता है । अच्छी स्लीपिंग पोजीशन इंसान को स्मार्ट और सेहतमन्द बनाती है इसलिए अपने सोने के तरीके को बदलें और हमेशा स्वस्थ रहें।

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लौकी के घरेलू उपचार


सब्जी के रुप में खाए जाने वाली लौकी हमारे शरीर के कई रोगों को दूर करने में सहायक होती है। यह बेल पर पैदा होती है और कुछ ही समय में काफी बड़ी हो जाती है। वास्तव  में यह एक औषधि है और इसका उपयोग हजारों रोगियों पर सलाद के रूप में अथवा रस निकालकर या सब्‍जी के रुप में एक लंबे समय से किया जाता रहा है।

लौकी को कच्‍चा भी खाया जाता है, यह पेट साफ करने में भी बड़ा लाभदायक साबित होती है और शरीर को स्‍वस्‍य और शुद्ध भी बनाती है। लंबी तथा गोल दोनों प्रकार की लौकी वीर्य वर्धक , पित्‍त तथा कफनाशक और धातु को पुष्ट  करने वाली होती है। आइए इसके औषधीय गुणों पर एक नज़र डालते हैं-

1. हैजा होने पर 25 एम.एल. लौकी के रस में आधा नींबू का रस मिलाकर धीरे-धीरे पिएं। इससे मूत्र बहुत आता है।

2.खांसी, टीबी, सीने में जलन आदि में भी लौकी बहुत उपयोगी होती है।

3.हृदय रोग में, विशेषकर भोजन के पश्चात एक कप लौकी के रस में थोडी सी काली मिर्च और पुदीना डालकर पीने से हृदय रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

4.लौकी में श्रेष्‍ठ किस्म का पोटेशियम प्रचुर मात्रा में मिलता है, जिसकी वजह से यह गुर्दे के रोगों में बहुत उपयोगी है और इससे पेशाब खुलकर आता है।

5.लौकी श्‍लेषमा रहित आहार है। इसमें खनिज लवण अच्‍छी मात्रा में मिलते है।

6.लौकी के बीज का तेल कोलेस्‍ट्रॉल को कम करता है तथा हृदय को शक्‍ति देता है। यह रक्‍त की नाडि़यों को भी तंदुरस्त  बनाता है। लौकी का उपयोग आंतों की कमजोरी, कब्‍ज, पीलिया, उच्‍च रक्‍तचाप, हृदय रोग, मधुमेह, शरीर में जलन या मानसिक उत्‍तेजना आदि में बहुत उपयोगी है।

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थाइराइड से पिडीत मरीज इस आैषधि का अचूक सेवन करें


➡ भारतमे लाखो मरीज हाइपर वं हाइपो थाइराइड से पिडीत है । आैर जिन्दगीभर थाइराइड की दवाइ खातै है । आयुर्वेदानुसार थाइराइड मंदाग्नि के कारन होने वाला रोग है आैर उसका मुख्य कारन कब्ज है अगर अग्निको प्रदिप्त कियां जाए तो थाइराइड ठ़िक हो जातां है ।

➡ हमारी यह दवाइ सोश्यल मिडीया के माध्यम से हमने लोगो के साथ शेयर की थी जिसमे हमे कइ मरीजो ने बतायां की वह अब बिल्कुल स्वस्थ है।

*आइए जाने कैसे बनाए थाइराइड को जड़ से समाप्त करने वाली आयुर्वेदिक आैषधि*

➡ ञिफला             100 ग्राम
➡ अश्वगंधा              50 ग्राम
➡ ब्राम्ही                  50 ग्राम
➡ सहिंजन के पत्ते     50 ग्राम
➡ मुलह़ठी               50 ग्राम
➡ कांचनार जड़        50 ग्राम
➡ दारुहरिद्रा             50 ग्राम

उपर दी गइ सभी चिजे पंसारी से लाकर साफ करदे फीर कपड़छान चूरन करके कांच की बोटल मे पैक करके रख लिजिए । सुबह शाम 1-1 चम्मच की माञामे खाने के बाद गुनगुने पानी के साथ सेवन करीए । नियमित 3-4 महिने के सेवन से थाइराइड ठ़िक हो जातां है ।

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मेथी एक गुणकारी औषधि


हमारे देश में सभी स्थानों पर मेथी का साग रुचि पूर्वक खाया जाता है।। मेथी के अंकुरित बीजों की स्वास्थ्यवर्धक सब्जी बनाकर भी सेवन करते हैं।। मेथी एक एंटी आक्सीडेंट,, प्राकृतिक एंटीबायोटिक एवं रक्तशोधक औषधि है।। मेथी ८० प्रकार के वातरोगों को नष्ट करने वाली प्रभावी औषधि है।। मधुमेह में भी इसकी बड़ी उपयोगिता है।। आम इत्यादि के अचार जो खट्टे होने से अम्लीयता के दोष से भरे होने के कारण वात का दर्द बढ़ाने वाले होते हैं,, उस दोष को कम करने के लिए अचार में मेथी का प्रयोग परंपरागत ढंग से करते आ रहे हैं।। मेथी में प्रोटीन,, विटामिन तथा आयरन,, पोटैशियम,, फास्फोरस,, कैल्शियम आदि खनिज लवणों का भंडार है।। दूध पिलाने वाली माताओं के लिए दुग्ध वर्धक,, स्तन््यग्रंथि विकासक है ।। हृदय रोग एवं रक्तचाप को नियंत्रित करने का गुण है।। बड़ी आंत के कैंसर के खतरे को कम करने में सहायक है।। सौंदर्यवर्धक है।। हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को नष्ट करती है।। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।। वायु नाशक,, पौष्टिक तथा मंद जठराग्नि को तीव्र करती है । मोटापा नियंत्रित करती है।। पाचन संबंधी दोष जैसे-- गैस,, अफरा,, अजीर्ण को दूर करने वाला है।। मेथी में मृदुविरेचक गुण है।। इसके बीजों को पानी में भिगोकर उसके पानी को चेचक के रोगी को शांतिदायक पेय के रूप में पिलाया जाता है।। यह कृमि नाशक तथा कफरोग निवारक है।।

                  🍃उपयोग🍃

गठिया संधिवात में👉  (१) ५ ग्राम मेथी दाना पानी के साथ सुबह शाम निगल लें।।

(२) मेथी के पत्तों को पीसकर आटा में मिलाकर बिना तेल के पराठे बनाकर खाएं।।

(३) मेथी के लड्डू बनाकर शीतकाल में नवंबर से फरवरी माह तक नियमित सेवन करें।।

(४) मेथी के पत्तों का साग या मेथी दाना अंकुरित कर उसकी सब्जी बनाकर खाना चाहिए।।

(५) ३० ग्राम अंकुरित मेथी नित्य प्रातः सेवन करें।।

शीत स्थल से बचें।। सुबह शाम १-१ घंटा अपनी स्थिति के अनुसार यथाशक्ति टहलना चाहिए।। नित्य तेल मालिस करना,, यथाशक्ति आसन प्राणायाम करें।। अनाज की अपेक्षा फलों का रस,, फल एवं हरी सब्जियाें का अधिक सेवन करें।। इससे रक्तशोधन होगा।। जोड़ों की चिकनाई बढ़ेगी।। अस्थि क्षरण रुकेगा।। नए ऊतकों का निर्माण होगा।। गठिया संधिवात जटिल रोग हैं,, इनके लिए लंबे समय तक पथ्य परहेज करना चाहिए।। खटाई से बचें।। गरम पानी से स्नान करें।।
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माता को दूध की कमी में👉  स्तनपान कराने वाली माताओं को मेथी का लड्डू खिलाने के बाद गोदुग्ध पिलाने से तथा शतावरी चूर्ण एवं सफेद जीरा ३-३ ग्राम सेवन करने से मां का दूध बढ़ने लगता है।। मेथी में डावोस्जेनिन नामक तत्व होता है जो दूध का उत्पादन बढ़ाने वाला होता है।।
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हाथ पेेैरों के दर्द में👉  मेथी को घी में भूनकर पीस कर गुड़ की चासनी में थोड़ा घी मिलाकर घोंट कर छोटे छोटे लड्डू बनाकर सुबह-शाम १५-२० दिनों तक १-१ लड्डू सेवन करें।।
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️जीर्ण अतिसार में👉 (१) ५ ग्राम मेथी दाना चूर्ण तथा १ ग्राम सोंठ,, १० ग्राम गुड़ तथा २०० ग्राम मथी हुई दही मिलाकर पीने से लाभ होता है।।

(२) १० ग्राम मेथी दाना पीसकर १५० ग्राम दही में मिलाकर दिन में २-३ बार सेवन करने से पेचिश में लाभ होता है।।
पथ्य के रूप में उबालकर ठंडा पानी,, नींबू पानी,, अच्छी तरह पका हुआ केला,, दही,, ईसबगोल की भूसी,, विल्ब चूर्ण तथा पुराने चावल का भात दें।।
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प्रदर रोग में👉  ५ ग्राम मेथी दाना चूर्ण थोड़े गुड़ एवं घी मिलाकर सुबह-शाम कुछ दिन चबा चबाकर खाने से लाभ होता है।।
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कब्ज में👉  (१) एक चम्मच मेथी दाना प्रति दिन सुबह शाम पानी के साथ निगल लें।।

(२) ३ ग्राम मेथी दाना चूर्ण गुड़ या पानी के साथ सेवन करने से लाभ होता है।। मेथी के पत्तों का साग बना कर खाने से लाभ होता है।।
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बहुमूत्र में👉  मेथी के पत्तों का ताजा रस एक कप,, २ ग्राम कत्था,, ४ ग्राम देशी खाँड मिलाकर नित्य पीने से लाभ होता है।।
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लू लगने पर👉  गरमी के दिनों में पर्याप्त पानी न पीने से लू जानलेवा हो जाती है।। मेथी के सूखे ५ ग्राम पत्तों को एक गिलास पानी में भिगोकर २ घंटे बाद मसलकर छान लें,, थोड़ा शहद मिलाकर शरबत बना कर पीने से लू का असर मिटता है।। सहायक उपचार में कच्चे आम का पन्ना बनाकर पीना चाहिए।।
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मधुमेह में👉  (१) २० ग्राम मेथी दाना रात को एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें।। प्रात: मसलकर व छानकर पी लें।। यह क्रम नित्य बनाए रखें।।

(२) मेथी दाना अंकुरित कर ३० ग्राम नित्य सेवन करें।।

(३) मेथी का साग,, मेथी दाना की सब्जी सप्ताह में ३-४ दिन सेवन करें।।

सावधानी👉  मधुमेह के रोगी चावल,, आलू,, शकरकंद,, मैदा,, चीनी,, गुड़,, केला से परहेज करें।।
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जोड़ों की सूजन में👉 मेथी के ताजे पत्तों को पीसकर थोड़ा गुण करके पुल्टिस बनाकर बांधने से सूजन मिटती है।।
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खूनी बवासीर में👉  (१) मेथी के बीज पीसकर १५ ग्राम चूर्ण २५० ग्राम पानी में उबालकर जब आधा शेष बचे तब उतारकर ठंढ़ा करके पिलाने से खून गिरना बंद हो जाता है।।
(२) १५ ग्राम मेथी दाना चूर्ण को २५० ग्राम दूध में उबाल कर पीने से लाभ होता है।।
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बुखार,, सरदी,, जुकाम,, खांसी में👉  (१)  मेथी का साग बना कर खाने से लाभ होता है।।
(२) १० मेथी दाना चूर्ण एक चम्मच शहद तथा दो ग्राम नींबू रस के साथ चाटने से लाभ होता है।।
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हृदय रोग में👉  मेथी दाना नियमित सेवन करने से हानि कारक कोलेस्ट्रॉल कम होने लगता है।। मेथी में मौजूद पोटैशियम तत्व रक्तचाप तथा हृदय गति को नियंत्रित,, संतुलित रखने का काम करता है।।
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कील मुंहासों के दाग धब्बों में👉  मेथी के ताजे पत्तों को पीसकर थोड़ी पिसी हल्दी मिलाकर चेहरे पर लेप करने से दाग धब्बे मिटते हैं।। त्वचा में निखार आता है।
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बालों के रोग में👉 बालों का झड़ना,, सफेद होना,, बालों का न बढ़ना,, रूसी होना आदि बालों की स्वास्थ्य समस्याओं में मेथी के पत्तों को नारियल के दूध में मिलाकर पेस्ट बना कर बालों की त्वचा में लगाने से लाभ होता है।।
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मासिक धर्म की अनियमितता में👉  मेथी दाने का नियमित सेवन करने से अनियमितता दूर होती है।। रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में अनेक समस्याएं जैसे -- गुमी लगना,, डिप्रेशन,, चिड़चिड़ापन,, तनाव,, चिंता,, अनिद्रा आदि होती हैं,, इन्हें कम करने के में मेथी दाना लाभदायक होता है।।
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प्रसव के बाद👉 गर्भाशय की शुद्धि एवं संकुचन को बढ़ाने के लिए मेथी के लड्डू का सेवन करना चाहिए।।

प्रसव के बाद ज्वर आदि में👉 प्रसव के बाद प्रसूति का ज्वर आदि रोग होने पर एक किलो मेथी को महीन पीस कर उतना ही घी मिलाकर ३ किलो दूध में धीमी आँच पर पकाएं,, जब गाढ़ा हो जाए तब ३ किलो देशी खाँड की चासनी बनाकर उसमें मिलाकर २० ग्राम प्रति दिन खाने से प्रसूति रोगों से बचाव होता है।। बल वृद्धि होती है।
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मेथी की स्वास्थ्यवर्धक रोटियां👉 (१) मेथी के ताजे पत्तों का रस आटे में मिलाकर रोटी बनाकर खाएं।।

(२) मेथी के ताजे पत्तों को पीसकर,, पेस्ट बना कर आटे में मिलाकर पौष्टिक एवं स्वादिष्ट रोटी का सेवन करें।। स्वाद के लिए उचित मात्रा में अजवाइन,, जीरा,, धनिया,, सेंधा नमक,, काली मिर्च आटे में मिला लेना चाहिए।। मेथी की रोटी में रक्तशोधक,, वात विकार नाशक तथा कब्ज निवारक गुण होते हैं।।

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