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टायफाइड का घरेलू और आयुर्वेदिक इलाज

टायफाइड एक ऐसी बिमारी जो शरीर को अन्दर से पूरी तरह तोड़ देती है। इस बिमारी के होने पर सबसे पहले शारीरिक कमजोरी होती है। कमजोरी इतनी भयानक होती है कि शरीर को बिस्तर पर हिलाना भी कठिन हो जाता है। इसीलिए इस बिमारी का इलाज दर्द भरा होता है। हर रोज 15 दिनों तक सुबह शाम इंजेक्शन लगवाना पड़ता है। आज हम आप सभी को इस बिमारी के लिए आयुर्वेदिक उपाय बताते है।

1. एक चिटकी दालचीनी के चूर्ण को शहद में मिलाकर उसका सेवन करें। इससे टायफाइड जैसे खतरनाक रोग से बचा जा सकता है।

2. इस रोग में होने वाली कमजोरी से बचने के लिए मूंग का पानी या चावल की रब (माड़) का सेवन करे। ये दोनों ही शक्ति प्रदान करने वाले आहार है।

3. इस रोग से पीडित रोगी को दूध पिलाने के बाद नारंगी खिलाए।
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4. साबूत मुन्नका को बिच से चीर कर उसमें थोड़ा सा काला नमक लगाने के बाद उसे तवे पर थोड़ा सेक कर खाने से इस बिमारी मैं बहुत लाभ होता है।

5. इस रोग में रोगी प्यास बहुत लगती है। आधा लीटर पानी में 5 लौंग मिलाकर उसे उबाल कर ठंडा कर ले। थोडी थोडी देर पर यही जल रोगी को पीने के लिए दे।

6. बुखार तेज होने पर लौकी के टुकड़े पौर के तलवे पर रगड़ने से बुखार उतर जाता है।

7. 3 ग्राम अजमोद को चूर्ण शहद में मिलाकर खाने से इस रोग में बहुत लाभ होता है।

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