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निपाह वायरस का आयुर्वेदिक इलाज


दोस्तों आप सभी निपाह वायरस के बारे में रोज सुन या पढ रहे होंगे। यह एक प्रकार का वायरस है, जो जानवरो से इंसानो में आ रहा है। खासतौर पर चमगादड़ और सुअरों से। ये वायरस इतना खतरनाक है कि इसके शरीर में प्रवेश करने के 24 घन्टों के भीतर ही आदमी कोमा में चला जाता है और समय पर इलाज ना मिलने के कारण इंसान की मौत हो जाती है।

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इससे बचने के लिए ये अलर्ट जारी किया गया है कि चमगादड़ और सूअर जैसे जानवरो से सावधान रहे। कुछ चमगादड़ फलों का रस पते है इसीलिए आप फल खाते समय सावधान रहे। ऐसे किसी भी फल का सेवन ना करें जीनमें छेद हो या वो पहले से कटा हुआ हो।

निपाह वायरस की पहचान

बुखार आना
ऊल्टीयां आना
दिमाग भ्रमित होना
मांसपेशियों में दर्द
सिर दर्द और बेहोस होना
निमोनिया का असर

निपाह वायरस के इलाज के लिए आयुर्वेदिक उपाय

200 ग्राम सरसों के तेल में 20 ग्राम लौंग मिलाकर उसे 20 मिनट तक गर्म करें। सरसों तेल और लौंग से निकलने वाला भाफ किसी भी तरह के वायरस को मारने में पूरी तरह से खत्म कर सकता है।

2 चम्मच चीरायता का चूरण 2 गिलास पानी में मिलाकर तब तक जब तक पानी आधा गिलास न बचे। उबलने के बाद इसे अच्छे से छान कर पीए। इससे रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।


आप सभी ने गन्धक रसायन के बारे में सुना होगा। बाजार मैं इसकी गोली मिल जाती है। रोज सुबह शाम गर्म पानी से एक एक गोली का सेवन करे। यह किसी भी वायरस को रोकने में और उसे खत्म करने में बहुत उपयोगी है।

दोस्तों इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे, ताकि इस वायरस की चपेट में आए हुए लोगों तक ये जानकारी पहुंच सके। यदि आप इस वायरस से पीडितों की मदद करना चाहते है तो किसी भी Add पर Click करें। इस माह Adds से होने वाली सारी कमाई इस वायरस से पीडित व्यक्ति के इलाज पर खर्च किया जाएगा।

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